यूपी में एक्टिव मोड पर है ‘बाबा का बुलडोजर’, कब चलता है और क्या है नियम? ADG लॉ एंड ऑर्डर ने बताया

कुमार अभिषेक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

Utttar Pradesh News : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने भी शायद ही सोचा हो कि बिकरु कांड के मुख्य अभियुक्तों के घर चलाया गया पहला बुलडोजर ऐसा कमाल करेगा कि उनका नाम ही बुलडोजर बाबा पड़ जाएगा. उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर नकेल कसने के लिए योगी आदित्यनाथ की सरकार ने बुलडोजर एक्शन को एक बड़ा हथियार बनाया. अब जबकि देशभर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को “बुलडोजर बाबा” के नाम से जाने जाने लगे हैं. उत्तर प्रदेश में अब तक कितने माफियाओं के संपत्ति पर बुलडोजर चला है और बुलडोजर एक्शन के नियम क्या है, आइए जानते हैं.

बिकरु कांड से शुरू हुई बुलडोजर एक्शन

2 जुलाई 2020 की रात उत्तर प्रदेश पुलिस के इतिहास में सबसे बड़ा हमला हुआ. कानपुर के बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे ने साथियों के साथ मिलकर 8 पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया. पुलिस के ऊपर इससे पहले ददुआ, निर्भय गुर्जर जैसे कुख्यात डकैत ने भी इतना बड़ा हमला नहीं किया था और ना ही पुलिस को इतनी बड़ी शहादत देनी पड़ी थी. उत्तर प्रदेश पुलिस ने भी इस हमले का सबसे बड़ा जवाब देना शुरू किया. विकास दुबे गैंग के एक-एक आदमी का एनकाउंटर किया गया. इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में बुलडोजर ने भी गरजना शुरू कर दिया.

लगभग 40 थानों की पुलिस फोर्स और उत्तर प्रदेश के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार, एसएसपी कानपुर दिनेश पी आईजी कानपुर जेएन सिंह की मौजूदगी में विकास दुबे के उस घर पर बुलडोजर का एक्शन हुआ. विकास दुबे के घर के छत से चढ़कर बदमाशों ने डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा समेत आठ पुलिसकर्मियों को गोलियों से छलनी कर दिया था. चार बुलडोजर लगाकर विकास दुबे की अपराध से अर्जित संपत्ति वो फिर चाहे मकान हो या फिर उसकी गाड़ियां सब को तहस-नहस कर दिया गया.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

बिकरू कांड के साथ ही उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन की शुरुआत हुई. पिछले 4 सालों में उत्तर प्रदेश पुलिस ने माफियाओं की अरबों की संपत्ति पर हुए अवैध निर्माण को ध्वस्त और गैंगस्टर एक्ट में जब्त किया है.

एक नजर आंकड़ों पर

20 मार्च 2017 से 6 अगस्त 2023 तक उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर गैंगस्टर एक्ट के अंतर्गत की गई अवैध संपत्तियों के जब्तीकरण की कार्रवाई. गैंगस्टर एक्ट के तहत 21417 केस दर्ज और 68235 गिरफ्तार किए जा चुके हैं. उत्तर प्रदेश में अवैध संपत्तियां पर गैंगस्टर एक्ट के तहत 4166 मामले, औप 10,703 करोड़ की सम्पत्ति जब्त की गई है. मुख्यालय स्तर पर चिह्नित किए गए 69 माफिया पर की गई कार्रवाई में 3627 करोड़ 82 लाख 14242 रुपए की संपत्ति का जब्तिकारण और ध्वस्तीकरण किया गया है.

ADVERTISEMENT

उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार के मुताबिक, ‘पुलिस के द्वारा जो बुलडोजर की कार्रवाई की गई है वो पूरी कार्रवाई का बहुत ही छोटा सा पार्ट है. ज्यादा एक्शन इसमें संबंधित जो शहरी निकाय या ग्राम पंचायत स्तर पर जिन माफियाओं ने या अपराधियों ने सरकारी संपत्ति पर अवैध कब्जा करके आलीशान इमारत बनाई हैं, उनको समुचित धाराएं के तहत नोटिस जारी कर और फिर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की जाती हैं. उस दौरान शांति व्यवस्था बनी रहे या फिर इस तरह के जो माफिया हैं, उनका जो रसूख है उसके कारण उनके लोग इसका विरोध करते हैं. सरकारी कार्य किए जाने में कोई बाधा ना पहुंचे उस हेतु पुलिस बल लगाया जाता है.’

  • माफिया डॉन अतीक अहमद के कब्जे से करीब 752 करोड़ 27 लाख की संपत्ति पर बुलडोजर चला कर मुक्त कराया गया. 416 करोड़ 92 लाख की संपत्ति जब तक की गई.
  • मुख्तार अंसारी की 314 करोड़ 23 लाख की संपत्ति गैंगस्टर एक्ट में जब्त की गई. 285 करोड़ 70 लाख की अवैध कब्जे वाली संपत्ति को बुलडोजर चलाकर मुक्त कराया गया.
  • माफियाओं पर कार्रवाई की जद में संगठित अपराध के हर क्षेत्र के माफिया को शामिल किया गया, जिसमें अपराधिक माफिया 893, भू माफिया 1179, खनन माफिया 130, वन माफिया 53, शराब माफिया 661, शिक्षा माफिया 30, गो तस्कर माफिया 375, अन्य माफिया 182 शामिल है। कुल 3503 संगठित गिरोह बनाकर अपराध करने वाले माफिया पर कार्रवाई की गई.

बुलडोजर एक्शन के क्या हैं नियम

  1. उत्तर प्रदेश पुलिस किस कानून के तहत और कैसे बुलडोजर एक्शन करती है? इस पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने बताया कि, ‘उत्तर प्रदेश सरकार ने माफिया और अपराधियों की संपत्ति पर बुलडोजर का जो एक्शन शुरू किया उसमें एक्शन असल में 3 तरह से किया जाता है. जिसमें अपराध से अर्जित संपत्ति, सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई गई संपत्ति और बिना स्थानीय प्रशासन की अनुमति के बनाई गई संपत्ति शामिल होती है.’
  2. सबसे पहले अपराध से अर्जित संपत्ति की बात करते हैं. जब किसी व्यक्ति पर गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज होता है तो उस मुकदमे में गैंगस्टर अधिनियम के 14 (1) के तहत संपत्ति जब्तीकरण की कार्रवाई की जाती है. इसमें आरोपी के ऊपर दर्ज हुए पहले मुकदमे के बाद से अर्जित की गई पूरी संपत्ति अपराध से अर्जित संपत्ति मानी जाती है. यानी माना जाता है कि उस व्यक्ति ने यह संपत्ति अपराध से बनाई है, जिसे गैरकानूनी मानकर जब्त किया जाता है.
  3. दूसरे जो संपत्ति सरकारी जमीन को कब्जा कर बनाई जाती है, उस सरकारी जमीन को खाली कराने के लिए उस इमारत का ध्वस्तीकरण किया जाता है. जिसे स्थानीय प्रशासन या विकास प्राधिकरण के द्वारा चिन्हित कर कराया जाता है कि यह सरकारी जमीन है और इस पर बनी इमारत अवैध है जिसको बुलडोजर से गिरा दिया जाता है. तीसरी उस संपत्ति पर बुलडोजर चलता है जो स्थानीय विकास प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा बिना नक्शा पास करवाए बनवाई जाती है. बिना नक्शा पास करवाए खड़ी की गई उस इमारत को अवैध बताकर ध्वस्तीकरण करवाया जाता है.
  4. पुलिस को कहीं भी किसी भी प्रावधान में किसी भी संपत्ति के ध्वस्तीकरण का अधिकार नहीं है, वह सिर्फ प्राधिकरण या नगर निगम के द्वारा सरकारी जमीन या बिना नक्शा पास करवाए. की गई कार्रवाई में सुरक्षा के लिए खड़ी हो सकती है, किसी मकान को गिरवा नहीं सकती है. उत्तर प्रदेश सरकार ने माफियाओं के कब्जे वाली जमीन पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माण को ढाया तो अब इस जमीन को गरीबों के आवास व अन्य सरकारी योजनाओं में भी प्रयोग किया जाने लगा है.

माफियाओं के जमीन पर बन रहे गरीबों के लिए आवास

प्रयागराज में माफिया डॉन अतीक अहमद के कब्ज की गई लूकरगंज की जमीन पर उत्तर प्रदेश सरकार ने गरीबों के लिए 76 आवास बनाए हैं. प्रधानमंत्री गरीब आवास योजना के तहत बनाए गए फ्लैट नुमा आवास उन गरीबों को दिए गए जिनके लिए अपनी छत का होना एक सपना था. प्रयागराज की तर्ज पर अब उत्तर प्रदेश के हर विकास प्राधिकरण व जिला प्रशासन ने माफियाओं की ऐसी जमीन को चिन्हित करना शुरू कर दिया है जिन पर गरीबों के लिए आवास बनाया जा सके. लखनऊ में भी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के कब्जे वाली डालीबाग की जमीन पर लखनऊ विकास प्राधिकरण और लखनऊ जिला प्रशासन गरीबों के लिए आवास की कार्य योजना बनाने में लगा है.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT