जल निगम भर्ती घोटाला: CBI की स्पेशल कोर्ट में पेश हुए आजम खान, अगली सुनवाई VC से होगी

संतोष शर्मा

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जल निगम भर्ती घोटाले में सीतापुर जेल में बंद आजम खान सोमवार, 15 नवंबर को लखनऊ की भ्रष्टाचार निवारण की विशेष अदालत में पेश किए गए. एसआईटी ने जल निगम भर्ती घोटाले में आजम खान समेत 8 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी है.

चार्जशीट दाखिल होने के बाद ट्रायल शुरू करने के लिए आरोपी का कोर्ट में पेश होना जरूरी होता है, इसलिए आजम खान को सोमवार को कोर्ट में पेश किया गया. आजम खान को चार्जशीट की कॉपी दी गई और उसके साथ ही निर्देश दिया कि अब अगली सुनवाई सीतापुर जेल से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए ही होगी.

समाजवादी सरकार में जल निगम के चेयरमैन रहे आजम खान के कार्यकाल में हुई जल निगम की भर्ती घोटाले में कोर्ट ट्रायल शुरू करने जा रही है. लखनऊ के भ्रष्टाचार निवारण स्पेशल कोर्ट में सोमवार को आजम खान सीतापुर जेल से तलब किए गए थे. आजम खान को चार्जशीट की कॉपी देकर ट्रायल की प्रक्रिया शुरू कर दी है. 29 नवंबर को होने वाली अगली सुनवाई में आजम खान वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़ेंगे.

क्या था पूरा मामला

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दरअसल, समाजवादी पार्टी सरकार में जल निगम में 122 सहायक अभियंता, 853 अवर अभियंता, 335 क्लर्क, 32 आशुलिपिक समेत 1342 पदों पर भर्तियां हुईं. इन्हीं भर्तियों को लेकर घोटाले का आरोप लगा. मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार आई तो इस मामले में जांच के आदेश दिए गए और 122 भर्ती हुए अभियंताओं को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया.

एसआईटी ने इस मामले में 25 अप्रैल 2018 को एफआईआर दर्ज कराई. एफआईआर में जल निगम के चेयरमैन रहे आजम खान के साथ गिरीश चंद श्रीवास्तव, विश्वजीत सिंह, नीरज मलिक, अजय यादव, संतोष रस्तोगी, रोमन फर्नांडीस और कुलदीप सिंह नेगी नामजद किए गए.

जांच के दौरान पता चला कि चहेतों को नौकरी देने के लिए भर्ती के सारे नियमों को ताक पर रख दिया गया. लिखित परीक्षा से लेकर इंटरव्यू तक में मनमाने ढंग से नंबर दिए गए. एसआईटी को जांच के दौरान तमाम सुबूत मिले जो तत्कालीन अधिकारियों की कार्यप्रणाली बता रहे थे.

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नियमतः लिखित परीक्षा के बाद वेबसाइट पर आंसर की अपलोड की जाती है. जल निगम ने इसके लिए मुंबई की कंपनी से एग्रीमेंट भी किया, लेकिन कंपनी ने आंसर की अपलोड नहीं की.

एसआईटी ने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि कंपनी ने जेई मेंस और जेई एडवांस या गेट में जो परीक्षा प्रक्रिया अपनाई जाती है उन प्रक्रियाओं को नहीं अपनाया. इससे लिखित परीक्षा पर सवाल खड़े होते हैं. लिपिक परीक्षा में 106770 अभ्यर्थियों ने भाग लिया, जिनमें से सिर्फ 335 पास हुए. जांच में एसआईटी को शक हुआ कि जिस उत्तर पुस्तिका का मूल्यांकन हुआ, वह अभ्यर्थी की वास्तविक है या नहीं इसकी पुष्टि भी नहीं की जा सकती.

फिलहाल एसआईटी ने इस मामले में धोखाधड़ी, षड्यंत्र, फर्जी दस्तावेज तैयार करना और सबूत मिटाने की धाराओं चार्जशीट दाखिल कर दी है. 29 नवंबर को इस मामले में अगली सुनवाई होगी.

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