गोरखपुर: राज खुलने के डर से तांत्रिक ने किया अपनी पत्नी का मर्डर, हत्यारे तक ऐसे पहुंची पुलिस

विनित पाण्डेय

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Uttar Pradesh News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर (Gorakhpur News) जनपद पुलिस ने एक ऐसे मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया, जो पिछले 3 महीने से सिरदर्द बनी हुई थी. उस मडर मिस्ट्री मैं सबसे हैरान करने वाली बात सामने आई है. महिला की हत्या उसके पति ने ही की थी. पुलिस ने आखिरकार ढाई महीने की जांच पड़ताल के बाद उसके पति को गिरफ्तार कर पूरी घटना का खुलासा किया.

राज खुलने के डर से तांत्रिक ने उठाया खौफनाक कदम

आपको बता दें कि जनपद गोरखपुर के चौरीचौरा के बैकुंठपुर में बीते 28 मई को तांत्रिक ऊषा और उसकी रिश्तेदार सुनकेशा की कुटिया में हत्या कर दी गई थी. दो महीने से ज्यादा की जांच-पड़ताल के बाद पुलिस ने शनिवार को पति गया मौर्या को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस का कहना है कि आरोपी गया मौर्या ने पत्नी की हत्या की थी. खुद को बचाने के लिए उसने रिश्तेदार सुनकेशा के सिर पर भी हमला कर मौत के घाट उतार दिया था. उसे डर था कि सुनकेशा को नहीं मारेगा तो वह राज खोल देगी. हत्या की वजह पति-पत्नी का एक-दूसरे के चरित्र पर संदेह करना सामने आया है.

पुलिस ने किया खुलासा

पुलिस के मुताबिक, आरोपी गया की दो महिलाओं से गहरी दोस्ती थी. इस बात से पत्नी ऊषा नाराज रहती थी तो गया को भी पत्नी के चरित्र पर संदेह था. 28 मई की सुबह गया ने अनैतिक संबंध में बाधक बन रही पत्नी ऊषा को मौत के घाट उतारने का फैसला कर लिया. उसे लगा घर में शादी है तो सब अपने काम में व्यस्त होंगे और कुटिया पर ऊषा अकेले होगी. तय साजिश के तहत वह कुटिया में गया और अकेला पाकर ऊषा की हत्या कर दी, लेकिन उसी समय सुनकेशा भी आ गई. वह चीख पड़ी थी, अब गया को लगा कि वह सबको बता देगी और भेद खुल जाएगा. इस वजह से उसने उसके सिर पर हमला कर दिया था.

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कुटिया के पास खटपट की आवाज से आरोपी डर गया और दोनों को मरा समझकर भाग गया, लेकिन सुनकेशा बच गई. सिर पर गहरा घाव होने की वजह से भर्ती कराया गया. डॉक्टरों ने कोशिश तो बहुत की, लेकिन दो दिन बाद उसने भी दम तोड़ दिया. पुलिस ने बेटे की तहरीर पर हत्या का केस अज्ञात पर दर्ज कर लिया. एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने घटना के पर्दाफाश को चुनौती के तौर पर लिया.

हत्यारे के पास ऐसे पुलिस

घटना थाना चौरीचौरा के सोनबरसा चौकी क्षेत्र की थी, इस वजह से उस चौकी पर रहे पुराने चौकी इंचार्ज विशाल उपाध्याय व अन्य लोगों को भी भेजा गया. एएसपी मानुष पारिख खुद कैंप करने लगे. पुलिस एक-एक कड़ी जोड़ती थी, लेकिन साक्ष्य के अभाव में कदम पीछे खींच लेती थी. अंतत: गया मौर्या पर पुलिस की जांच आकर टिक गई थी. पुलिस ने गया को हिरासत में ले लिया. पुलिस उससे कुछ पूछताछ करती कि इसके पहले बेटा आ गया. उसने पुलिस से कहा कि मां का साया तो सिर से उठ गया है, अब पिता को जेल भेजकर अनाथ करना चाहते हैं. उसके साथ गांव वाले भी आने लगे और फिर ऐसी घेराबंदी की गई कि पुलिस को अपने कदम पीछे खींचने पड़े और गया थाने से बाहर आ गया.

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वहीं इस घटना का खुलासा करते हुए एसपी मानुष पारिख ने बताया कि,  ‘पुलिस की जांच-पड़ताल में गया मौर्य बार-बार अपना बयान बदलता रहा और पुलिस को गुमराह करता रहा. पुलिस जानती तो सब थी, लेकिन साक्ष्य नहीं थे. इसके बाद पुलिस ने आरोपी से पूछताछ न करके साक्ष्य जुटाने पर काम शुरू कर दिया. इसी दौरान पुलिस के हाथ एक अहम सुराग लगा. पुलिस को पता चला कि गया ने हत्या की जानकारी सबसे पहले अपने एक महिला मित्र को दी थी. घरवालों से कुछ जानकारी हासिल करने की कोशिश की गई, लेकिन वह भ्रम की स्थिति पैदा कर गांव वालों को बयान देने से रोकते रहे.’

एएसपी बताते हैं कि पुलिस ने इसका भी रास्ता निकाला. गांव के कुछ करीबी लोगों को अकेले में बुलाना शुरू किया. एक-एक कड़ी जोड़ी तो पुलिस उस महिला तक पहुंच गई, जिसका अहम रोल इस हत्याकांड में था. जैसे ही गया के महिला मित्र तक पुलिस पहुंची, वह टूट गया. इसके बाद उसने तोते की तरह न सिर्फ घटनाक्रम को बताया, बल्कि घटना में इस्तेमाल सब्बल को भी बरामद करा दिया.

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