क्या राम मंदिर की छत से टपका बारिश का पानी? अब नया दावा आया सामने जो पलट देगा पूरी कहानी

बनबीर सिंह

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Ayodhya Ram Temple News: अयोध्या में बने राम मंदिर की छत से पहली ही बारिश के बाद पानी टपकने के कथित दावे सामने आने के बाद इसे लेकर चर्चा तेज है. पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने इस पर सख्त नाराजगी जाहिर कर चुके हैं. इसपर सियासत भी हो रही है. कांग्रेस ने मंदिर निर्माण में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कहा है कि बीजेपी ने अयोध्या को करप्शन का अड्डा बना दिया है. अब इस मामले में एक नया दावा सामने आया है. 

श्री राम जन्भूमि मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा है कि बिजली के पाइप के जरिए ही बारिश का पानी नीचे आया है. उन्होंने कहा कि श्री राम मंदिर में किसी प्रकार से निर्माण में कोई कमी नहीं की गई है. उन्होंने गर्भगृह में विराजमान राम लला के श्रृंगार और स्नान के समय निकलने वाले पानी को लेकर कहा कि इसके लिए उसके पीछे ही कुंड बनाया गया है और दर्शनार्थी राम लला के स्नान का पानी भी ले सकेंगे. 

नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि मंदिर में ऊपर से नीचे पानी प्रथम तल पर बिजली की पाइप के जरिए आया. उन्होंने कहा कि बिजली का तार डालने के लिए पाइप खुला हुआ था. वहां से पानी पाइप से नीचे सीपेज में चला गया.' मंदिर के गर्भगृह से पानी न निकलने के दावे पर नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि श्रद्धालु ना तो गर्भ गृह में जाते हैं और न ही वहां वह अभिषेक कर सकते हैं. केवल भगवान का जो स्नान होता है, श्रृंगार होता है, वही जल होता है. निर्माण को लेकर साधु संतों की राय थी कि गर्भ गृह से निकलने वाले पानी के लिए एक कुंड बनाया जाय. इसे बना दिया गया है. इस पानी को श्रद्धालु भी ले सकेंगे.

 

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राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने क्या कहा था? 

पीटीआई भाषा की रिपोर्ट के मुताबिक राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने सोमवार को पुष्टि की कि शनिवार आधी रात को हुई पहली बारिश में गर्भगृह में मंदिर की छत से तेजी से पानी टपक रहा था. सुबह जब पुजारी भगवान की पूजा करने वहां गए तो उन्होंने देखा कि फर्श पर पानी भरा हुआ है, जिसे काफी मशक्कत के बाद मंदिर परिसर से निकाला गया. मंदिर से पानी निकालने की कोई व्यवस्था नहीं की गई थी.

उन्होंने बताया कि मंदिर में रामलला के विग्रह के ठीक सामने पुजारी के बैठने की जगह और वीआईपी दर्शन के लिए आने वाले लोगों के स्थान पर छत से बारिश का पानी तेजी से टपकने लगा. बारिश के पानी को निकालने के लिए मंदिर के पदाधिकारियों को काफी मशक्कत करनी पड़ी.

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सत्येंद्र दास ने संवाददाताओं से कहा, 'बहुत आश्चर्य की बात है कि पूरे देश के ऐसे-ऐसे इंजीनियर यहां आकर राम मंदिर बना रहे हैं. पिछली 22 जनवरी को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो गई लेकिन यह किसी को ज्ञान नहीं रहा कि पानी बरसेगा तो छत टपकेगी. जो विश्व प्रसिद्ध मंदिर बन रहा हो उसके अंदर छत टपके, यह आश्चर्य की बात है. ऐसा क्यों हुआ? इतने बड़े इंजीनियरों के रहते ऐसी घटना हो रही है, जो बहुत गलत है.'

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