Ram Mandir: प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण मिलने के बाद भी राम मंदिर नहीं जाने वालों के लिए राजा भैया ने कही बड़ी बात

यूपी तक

ADVERTISEMENT

UPTAK
social share
google news

जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) के मुखिया और कुंडा विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया रविवार को अयोध्या के लिए निकल चुके हैं.सोमवार यानी 22 जनवरी को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होनी है. बता दें कि राजा भैया को राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए निमंत्रण मिला था.

अयोध्या जाने के दौरान राजा भैया ने मीडिया से बातचीत करते हुए बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा, “जिन्हें निमंत्रण मिला है (राम मंदिर प्राणप्रतिष्ठा के लिए) और अयोध्या आ रहे हैं, यह उनके पिछले जन्मों के संचित पुण्य का परिणाम है. और जिन लोगों ने निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है वे दुर्भाग्यपूर्ण हैं.”

राजा भैया ने कहा कि उन्होंने रामलला का ढांचे और टेंट में भी दर्शन किया है. अस्थायी मंदिर में भी रामलला का दर्शन किया और कल (22 जनवरी) में भी रामलला का दर्शन करेंगे.

राम मंदिर में मंगल ध्वनि से गूंजेगी दसों दिशाएं

योध्या में भव्य श्रीराम मंदिर में दसों दिशाएं गूंज उठेंगी जब रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Ramlala Pran Pratishtha) होगी. इस अवसर पर प्रधानमंत्री और विशिष्ट अतिथियों की मौजूदगी में संत महंत मंगलकामना करेंगे. समारोह को ख़ास बनाने के लिए ‘मंगलध्वनि’ होगी. इसमें देश के अलग अलग राज्यों के विशिष्ट वाद्ययंत्रों का समावेश किया गया है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

होगी मंगलध्वनि की गूंज

श्रीराम की जन्मभूमि सबसे बड़े समारोह के लिए तैयार है. समारोह को ख़ास बनाने के लिए ‘मंगल ध्वनि’ की जाएगी. इसमें देश के अलग अलग राज्यों के वाद्ययंत्रों को शामिल किया गया है. उत्तर प्रदेश से पखावज, बांसुरी और ढोलक, कर्नाटक से वीणा, पंजाब से अलगोजा, महाराष्ट्र से सुंदरी, उड़िसा से मर्दल, मध्य प्रदेश से संतूर, मणिपुर से पुंग,असम से नगाड़ा और काली और छत्तीसगढ़ से तम्बूरा वाद्ययंत्र शामिल होंगे. इन वाद्ययंत्रों के समवेत स्वर से मंगलध्वनि की जाएगी जो अपने आप में पहली ऐसी मंगल ध्वनि होगी. जिसमें कईविलुप्त वाद्ययंत्रों का संयोजन किया गया है.

50 से ज़्यादा वाद्ययंत्रों की होगी प्रस्तुति

श्रीराम तीर्थ ने अपने ऑफ़िशियल एक्स हैंडल पर इसकी जानकारी साझा करते हुए लिखा है कि ‘भक्ति भाव से विभोर अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि पर होने वाली प्राण प्रतिष्ठा समारोह में प्रातःकाल 10 बजे से ‘मंगल ध्वनि’ का भव्य वादन होगा. 50 से अधिक मनोरम वाद्ययंत्र, विभिन्न राज्यों से, लगभग 2 घंटे तक इस शुभ घटना का साक्षी बनेंगे.’ अयोध्या के लेखक, साहित्य और संगीत के जानकर यतींद्र मिश्र ने इस भव्य मंगल वादन के परिकल्पना और संयोजन किया है. अलग अलग प्रदेशों के वाद्य यंत्रों को साथ लाने में केंद्रीय संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली ने सहयोग किया है.

ADVERTISEMENT

कार्यक्रम में भारत की विविधता की झलक

सुबह 10 बजे से प्राण-प्रतिष्ठा मुहूर्त के ठीक पहले तक, लगभग 2 घण्टे के लिए श्रीरामजन्मभूमि मन्दिर में शुभ की प्रतिष्ठा के लिए ‘मंगल ध्वनि का आयोजन किया जाएगा. श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि, ‘हमारी भारतीय संस्कृति की परम्परा में किसी भी शुभ कार्य, अनुष्ठान, पर्व के अवसर पर देवता के सम्मुख आनन्द और मंगल के लिए पारम्परिक ढंग से मंगल- ध्वनि का विधान रचा गया है. इसी सन्दर्भ में प्रभु श्रीराम की प्राण-प्रतिष्ठा का यह श्रीअवसर, प्रत्येक भारतवासी के लिए शताब्दियों में होने वाला ऐसा गौरव का क्षण है, जब हम सम्पूर्ण भारत के विभिन्न अंचलों और राज्यों से वहां के पारम्परिक वाद्यों का वादन यहां श्रीरामलला के सम्मुख करने जा रहे हैं.’

(शिल्पी सेन के इनपुट्स के साथ)

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT