आम्रपाली प्रोजेक्ट में खाली जमीनों पर बनेंगे 10000 से अधिक फ्लैट, नोएडा-ग्रेटर नोएडा में ये होगा

संजय शर्मा

ADVERTISEMENT

पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग या मध्यम आय वर्ग के परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे घर खरीदने या बनाने के पात्र हैं
पीएमएवाई-यू 2.0 के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, निम्न आय वर्ग या मध्यम आय वर्ग के परिवार, जिनके पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है, वे घर खरीदने या बनाने के पात्र हैं
social share
google news

Amrapali project new flats: नोएडा और ग्रेटर नोएडा में फ्लैट बायर्स के लिए एक गुड न्यूज आई है. आम्रपाली के तमाम प्रोजेक्ट्स में 10000 से अधिक नए फ्लैट बनाने का रास्ता साफ हो गया है. सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए एक अहम मंजूरी दे दी है. आम्रपाली की तमाम आवासीय परियोजनाओं को एनबीसीसी कंप्लीट कर लोगों को अलॉटमेंट उपलब्ध करा रही है. अब सुप्रीम कोर्ट के इस नए फैसले के बाद एनसीआर में घर खरीदने का सपना देखने वाले लोगों के लिए आने वाले समय में नए विकल्प सामने आएंगे. आइए आपको विस्तार से नोएडा-ग्रेटर नोएडा में होने वाले इस नए डेवलपमेंट की जानकारी देते हैं. 

असल में आम्रपाली की आवासीय परियोजनाओं में अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण के लिए नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से अतिरिक्त फ्लोर एरिया रेशियो  के खरीद को सुप्रीम कोर्ट ने मंजूरी दे दी है. इस आदेश से नोएडा और ग्रेटर नोएडा में आम्रपाली की विभिन्न आवासीय परियोजनाओं में खाली जमीन पर 10 हजार से अधिक अतिरिक्त फ्लैटों के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है. वर्षों से अटकी और लटकी आम्रपाली ग्रुप की परियोजनाओं को पटरी पर लाने की जद्दोजेहद में जुटी सरकारी कंपनी एनबीसीसी अतिरिक्त फ्लैट बनाने की कवायद कर रही थी. ऐसा इसलिए ताकि धन की कमी दूर कर परियोजनाएं पूरी की जा सकें.

अतिरिक्त एफएआर खरीद वाली पेशकश को मिली मंजूरी

ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों से अतिरिक्त एफएआर खरीद वाली पेशकश पर हामी भर दी. अतिरिक्त एफएआर के बदले ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 18 फीसदी जीएसटी सहित 604.64 करोड़ रुपये और नोएडा प्राधिकरण को 258.4 करोड़ रुपये मिलेंगे. आम्रपाली की फंसी हुई परियोजनाएं पूरा कराने के लिए रिसीवर नियुक्त किए गए भारत के अटार्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 604.64 करोड़ में से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 115 करोड़ रुपये का भुगतान किया भी जा चुका है. 

सुप्रीम कोर्ट ने 14 अगस्त को वेंकटरमणी, परियोजना का काम पूरा कर रही एनबीसीसी के वकील सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे, दोनों प्राधिकरणों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और मौजूदा घर खरीददारों की ओर से पेश हो रहे वकील को एक बैठक करने और एफएआर का मसला सुलझाने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अटार्नी जनरल वेंकटरमणी के कार्यालय में 26 अगस्त को बैठक हुई और यह तय किया गया है कि अतिरिक्त एफएआर के बदले में दोनों प्राधिकरणों को कैसे भुगतान किया जाए.

 

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

सुप्रीम कोर्ट में पेश किए गए बैठक के मसौदे के मुताबिक जनवरी, 2025 तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 242.46 करोड़ और नोएडा प्राधिकरण को 129.12 करोड़ रुपये का भुगतान किया जाए. इतनी ही रकम की अगली किस्त मार्च, 2025 तक भुगतान किया जाना है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने अतिरिक्त एफएआर खरीद को मंजूरी देते हुए कहा कि सभी पक्ष सहयोग करेंगे. 

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT