गैंगस्टर जीवा के लिए चली गोली बच्ची को लगी तो जरूर लेकिन मां की उंगली बन गई ढाल और बची जान

सत्यम मिश्रा

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Sanjeev Jiva News: पश्चिमी उत्तर प्रदेश के खूंखार गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ संजीव जीवा की बुधवार को लखनऊ की एक अदालत में गोली मारकर हत्या कर दी गई. बता दें कि लखनऊ जेल में बंद संजीव जीवा को एक मामले में सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था. इस दौरान वकील के भेष में आए बदमाशों ने जीवा को मौत के घाट उतार दिया. राजधानी लखनऊ में जब गैंगस्टर जीवा की दिन दहाड़े गोली मारकर हत्या की गई तब उस वक्त कोर्ट परिसर में भगदड़ मच गई और जिसको जहां जगह मिली वह वहीं छिप गया. वहीं संजीव जीवा पर जब गोली चली तब एक गोली डेढ़ वर्षीय बच्ची को भी जा लगी. गोलियों की तड़तड़ाहट जब कोर्ट परिसर में सुनाई दी, तब बच्ची की मां नीलम ने बेटी को उठाकर भागने की कोशिश की. इसी दौरान बच्ची को भी एक गोली लग गई.

कैसे बची बच्ची की जान?

कोर्ट परिसर में जब गोलियां चल रहीं थी तो उस वक्त बच्ची अपनी मां के गोद में थी. हालांकि गोली सीधे बच्ची को नहीं लगी. गोली पहले बच्चे की मां नीलम की उंगलियों पर टकरा उसे चीरती हुई बच्ची को जा लगी थी. शायद इसी के कारण गोली की रफ्तार धीमी पड़ गई. उसका फोर्स कम होने पर बच्ची को जब गोली लगी, तब वहां सिर्फ रो रही थी और जीवित थी.

मां को नहीं पता था कि बच्ची को भी लगी है गोली

बच्ची की मां नीलम को यह अंदाजा नहीं था कि उसकी बच्ची को भी गोली लगी है. क्योंकि गोली उसकी उंगलियों को चीरते हुए निकली थी. मगर जब मां अपनी बच्ची को बचाने के लिए एक कोने में खड़ी हुई, तब उसने देखा कि उसकी बेटी के शरीर से भी खून निकल रहा है. यह देखकर मां चीखने लगी और मदद की गुहार लगाने लगी. इसके बाद पुलिस और अधिवक्ताओं की मदद से बच्ची और उसकी मां को बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टरों बच्ची और उसकी मां का प्रारंभिक उपचार किया और फिर बच्ची को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर ले जाने को कहा गया.

बच्ची के कंधे में लगी थी गोली

इसके बाद बिना देर किए बच्ची को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर ले जाया गया, जहां पर उसको इमरजेंसी सर्जरी यूनिट में एडमिट किया गया और वहां उसका उपचार शुरू हुआ. वहीं, इस मामले में केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर के चीफ मेडिकल सुपरिटेंडेंट संदीप तिवारी ने बताया कि बच्ची को सीने के राइट पार्ट में कंधे के नीचे गोली थी, सर्जरी करके बुलट को बाहर निकाल दिया गया है. उन्होंने बताया कि बच्ची को आईसीयू में रखा गया है और उसकी कड़ी निगरानी की जा रही है. बच्ची हालत अब स्थिर है.

महिला बच्ची के साथ क्यों आई थी कोर्ट में?

दरअसल, 7 जून को लखनऊ के बख्शी का तालाब की रहने वाली नीलम अपने ससुर और पति के साथ एक केस के मामले में एससी-एसटी कोर्ट आई हुई थी. मिली जानकारी अनुसार, नीलम और उनका परिवार बीकेटी के भैसामाउ गाजीपुर गांव के रहने वाले है और एक पेशी में लखनऊ कोर्ट आए हुआ था.

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जानकारी के मुताबिक, नीलम के ससुर जगदीश का 1 साल पहले बगल के पड़ोसी वैजनाथ से रास्ते को लेकर कुछ विवाद हो गया था, जिसके बाद पड़ोसी ने जगदीश और उनके बेटे सौरभ के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया था. इसी मामले में 7 जून को तारीख लगी हुई थी. जगदीश के साथ उनका लड़का सौरभ, बहु नीलम और डेढ़ वर्षीय पोती लक्ष्मी कोर्ट आई हुई थी. नीलम के पिता चंद्रेश भी साथ में आए हुए थे.

सीएम योगी ने डॉक्टरों को दिए ये निर्देश

परिवार कोर्ट रूम के बाहर बरामदे में बैठकर अपनी पेशी का इंतजार कर रहा था. इधर इंतजार करते-करते नीलम की मासूम बच्ची मां के गोद में ही सो गई और तभी फायरिंग शुरू हो गई. जिसमें नीलम की हाथ की उंगलियों को चीरते हुए गोली बच्ची को जा लगी. हालांकि बच्ची अब स्टेबल है. वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को केजीएमयू ट्रॉमा सेंटर पहुंचकर मासूम बच्ची का हाल जाना. इस दौरान सीएम ने डॉक्टरों को बच्ची के स्वास्थ पर कड़ी निगरानी के साथ लापरवाही ना बरतने के निर्देश दिए. साथ ही मासूम को सीएम योगी ने चॉकलेट भी दी.

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