लखनऊ: कैप्टन की वर्दी पहन बेरोजगारों से सेना भर्ती के नाम पर करता था ठगी, STF ने यूं पकड़ा
Lucknow News: भारतीय सेना (Indian Army) का कैप्टन बनकर बेरोजगारों और नवयुवकों को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक जालसाज…
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Lucknow News: भारतीय सेना (Indian Army) का कैप्टन बनकर बेरोजगारों और नवयुवकों को आर्मी में भर्ती कराने के नाम पर ठगी करने वाले एक जालसाज और ठग को लखनऊ एसटीएफ ने गिरफ्तार किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, आरोपी ठग को एसटीएफ की टीम ने मौके से पकड़ा है. मुखबिर की सूचना पर एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ ये कार्रवाई की है. बता दें कि इस मामले की जांच एसटीएफ की एक टीम कई दिनों से कर रही थी.
मिलिट्री इंटेलिजेंस ने दी थी सूचना
एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने बताया कि, “मिलिट्री इंटेलिजेंस की तरफ से एसटीएफ को सूचना मिली थी कि लखनऊ और उसके आसपास के जिलों में सेना में भर्ती कराने के नाम पर कुछ जालसाज द्वारा बेरोजगार युवकों को ठगने का काम किया जा रहा है. इस जानकारी की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया और जांच शुरू की गई.”
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जांच के दौरान सामने आया कि लखनऊ के कैंट इलाके में एक व्यक्ति खुद को इंडियन आर्मी का कैप्टन बताकर नवयुवकों को फौज में भर्ती कराने के नाम पर उनसे लाखों रुपए की ठगी करता है. डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने आगे बताया कि, “एसटीएफ की टीम लगातार नजर रखे हुए थी. तभी मुखबीर से पता चला कि आर्मी का फर्जी कैप्टन पीजीआई अस्पताल के पास नौकरी दिलाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र के जरिए ठगी करने वाला है. इसके बाद टीम मौके पर पहुंची और इशारा मिलते ही टीम ने फर्जी कैप्टन की कार को चारों तरफ से घेर लिया और ठग को गिरफ्तार कर लिया.”
कैप्टन की वर्दी में आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस के बाहर घुमता था आरोपी
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पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, ठग ने पूछताछ में अपना नाम अंकित मिश्रा बताया है. पुलिस की माने तो आरोपी आर्मी कैप्टन की वर्दी में आर्मी रिक्रूटमेंट ऑफिस के बाहर घुमता था. इस दौरान वह नौकरी की तलाश में घुम रहे युवाओं को आर्मी में नौकरी दिलवाने के नाम पर उनसे मोटी रकम ले लेता था.
एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी अंकित ने जुर्म कबूल किया है. मिली जानकारी के मुताबिक, एसटीएफ की पूछताछ में आरोपी अंकित ने कहा है कि, वह पिछले कई सालों से बेरोजगार नौजवानों के साथ ठगी करने का काम कर रहा था. इसी के चलते आज उसने संतकबीर नगर के रहने वाले एक व्यक्ति को फर्जी नियुक्ति पत्र देने के लिए लखनऊ पीजीआई के पास बुलाया था. इसके लिए उसने उस युवक से 6 लाख 60 हज़ार रुपए की मांग की थी. इसी के साथ उसने बताया कि वह उस युवक से नौकरी दिलाने के नाम पर 4 लाख 40 हजार रुपये पहले ही ले चुका है.
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शक ना हो इसलिए पहनता था वर्दी
डिप्टी एसपी दीपक सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि, “आरोपी वर्दी इसलिए पहनता था जिससे कि अभ्यर्थियों को उसपर शक ना हो और वह विश्वास में आकर मांगे गए पैसों का भुगतान आसानी से कर दें. डिप्टी एसपी ने कहा कि, गिरफ्तार किए गए अभियुक्त के अलावा और कौन-कौन लोग इसमें शामिल हैं इसकी भी जांच की जाएगी. फिलहाल आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
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