'दुकानों पर नाम' लिखवाने के पीछे मुजफ्फरनगर के यशवीर महाराज! सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दी ये चुनौती

यूपी तक

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यशवीर महाराज
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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश में कांवड़ रूट पर नेम प्लेट लगाने के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. नेम प्लेट विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है और इस पर शुक्रवार तक जवाब देने को कहा है. राज्यों के जवाब देने तक आदेश पर रोक रहेगी. हालांकि कोर्ट ने ये कहा कि दुकानों मालिकों को खाना शाकाहारी है या मांसाहारी ये बताना जरूरी है. दरअसल, होटल-ढाबों सहित खाने-पीने की दुकानों पर नेमप्लेट लगाने की शुरुआत मुजफ्फरनगर (Muzaffarnagar) जिले से हुई थी और उसके बाद योगी सरकार ने पूरे प्रदेश में इसे लागू कर दिया. मुजफ्फरनगर के स्वामी यशवीर महाराज ने ही सबसे पहले कांवड़ रूट में पड़ने वाले मुसलमानों के होटलों-ढाबों के नामों पर सवाल उठाया.

यशवीर महाराज की बड़ी मांग

यूपी तक से बात करत हुए मुजफ्फरनगर के योग साधना आश्रम के प्रमुख यशवीर महाराज ने  यूपी तक बात करते हुए दावा किया कि उनके आंदोलन के बाद ही पहले उत्तर प्रदेश और फिर उत्तराखंड की सरकार ने दुकानों के बाहर संचालक और कर्मचारियों का नाम लिखने का निर्देश जारी किया था. उन्होंने बताया कि सीएम योगी से मुलाकात कर खुद उन्होंने इस बात का संज्ञान लेने की बात कही थी और मुख्यमंत्री ने इसपर अपनी सहमती भी जताई थी. यशवीर महराज ने कहा कि, ‘हमने देखा कि हरिद्वार से लेकर कांवड़ मार्ग तक खाने-पीने की बहुत सी ऐसी दुकानें हिंदू देवी-देवताओं, हिंदू महापुरुषों और भ्रमित नामों से चलाई जा रही हैं, जिसके संचालक मुसलमान हैं. मीडिया के माध्यम से हमारे पास अक्सर ये खबरे आती रहती हैं कि मुसलमान भोजन में थूक देते हैं, आगे क्या पता भोजन में वो मांस भी मिला देते हैं.  फिर हमने आवाज उठाई कि कोई भी मुसलमान हमारे देवी-देवताओं, हिंदू महापुरुषों और भ्रमित नाम से दुकान न चलाएं.’

नाम छिपाकर ना चलाएं अपना नाम

यूपी तक से बात करते हुए उन्होंने आगे कहा कि, मुस्लिम लोग बेशक अपनी दुकान चलाएं पर नाम छिपा कर ना चलाए. नाम छिपाकर अपना काम करना तो धोखा देना है. यशवीर महराज ने रामायण का जिक्र करते हुए बताया कि, ‘माता सीता का अपहरण रावण बनकर नहीं हुआ था, भेष बदलकर किया गया था. सनातन धर्म के लोगों के साथ विश्वासघात करने के लिए लोग अलग नाम से अपने होटल आदि चलाते  हैं. ऐसा अक्सर हिंदू बहुल आबादी में किया जाता है.'

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विपक्ष के नेताओं को दी ये चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को निराशाजनक बताते हुए यशवीर महराज ने कहा कि अपना आंदोलन जारी रखने की बात कही है.  वहीं नेमप्लेट विवाद पर विपक्ष के नेताओं को घेरते हुए उन्होंने चुनौती दी कि, 'क्या वो अपने आप को सेक्यूलर नेता ऐसा खाना खा कर दिखाएंगे जिसमें किसी ने थूका हो तो मैं पक्का वो अपना आंदोलन वापस ले लूंगा.' यशवीर महाराज 'घर वापसी' यानी हिंदू से मुस्लिम बने लोगों को वापस हिंदू धर्म में शामिल करने के लिए भी आंदोलन चला रहे हैं. उनका दावा है कि अब तक वे 1500 से अधिक लोगों की 'घर वापसीट करा चुके हैं. 

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