मऊ: कुएं में भारी मात्रा में सरकारी दवाएं मिलीं, उपमुख्यमंत्री पाठक ने जांच के आदेश दिए

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Mau News: उत्तर प्रदेश के उपमुख्‍यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मऊ जिले के हलधरपुर थाना क्षेत्र के गुलौरी गांव में एक कुएं में भारी मात्रा में फेंकी गई सरकारी दवाओं का संज्ञान लेते हुए मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं और एक सप्ताह के भीतर जांच रिपोर्ट तलब की है.

उप मुख्यमंत्री पाठक ने सोमवार शाम को ट्वीट किया,

“मऊ जिला के ग्राम गुलौरी स्थित एक कुएं में सरकारी अस्पताल की दवाएं फेंके जाने संबंधी वीडियो का संज्ञान लेते हुए मैंने सीएमओ (मुख्‍य चिकित्‍सा अधिकारी) मऊ को जांच कर रिपोर्ट एक सप्ताह में उपलब्‍ध कराने का आदेश दिया है. रिपोर्ट प्राप्त होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.”

ब्रजेश पाठक

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उल्लेखनीय है कि शनिवार को मऊ जिले के रतनपुरा खंड विकास क्षेत्र के हलधरपुर थाना क्षेत्र के गुलौरी गांव के एक कुएं में भारी मात्रा में फेंकी गई जीवन रक्षक दवाएं मिली थीं.

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कुएं के मालिक अरुणेंद्र ने बताया कि वह अपने खेतों में गेहूं की बुवाई की तैयारी के लिए पहुंचे थे, तभी उन्होंने वहां से एक डीसीएम (छोटा ट्रक) को जाते हुए देखा. अरुणेंद्र ने अंदेशा जताया कि डीसीएम से आए लोग ही कुएं में दवाएं फेंक गए थे.

उन्होंने बताया कि डीसीएम के पहियों के निशान खेत में अंदर की तरफ तक मिले हैं, जिसकी सूचना पुलिस को भी दे दी गई है. बताया जा रहा है कि कुएं में मिली दवाओं में से ज्यादातर के इस्तेमाल की अवधि 2023 में समाप्त होने वाली थी. मामले की जानकारी मिलते ही खेत में ग्रामीणों की भीड़ लग गई। उनमें से किसी ने वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्‍ट किया.

गांव निवासी राजीव कुमार मिश्रा ने कहा कि जब हम अपने क्षेत्र के एक खेत के कुएं में सरकारी दवाएं मिलने की सूचना पाकर वहां पहुंचे तो हमने पाया कि कुएं में फेंकी गई ज्यादातर दवाओं के इस्तेमाल की अवधि 2023 में समाप्त होने वाली थी.

मिश्रा ने दावा किया कि यह बहुत ही बड़ी प्रशासनिक लापरवाही और भ्रष्टाचार का मामला है. उन्होंने मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि इसमें लिप्त व्यक्ति के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.

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वहीं, मऊ जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. नरेश अग्रवाल ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने पर एक टीम गठित कर स्वास्थ्य विभाग के दो अधिकारियों को मौके पर भेजा गया था, लेकिन कुएं की गहराई ज्यादा होने के कारण दवा निकालने में दिक्कत आई.

उन्होंने कहा था कि रविवार को एक टीम पूरी तैयारी के साथ मौके पर पहुंचेगी और दवाओं को निकालकर यह पता लगाएगी कि उन्हें किस स्वास्थ्य केंद्र के लिए आवंटित किया गया था.

डॉ. अग्रवाल ने भरोसा दिलाया कि मामले की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

(दुर्गा किंकर सिंह और भाषा के इनपुट्स के साथ)

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