अमेरिका-बेंगलुरु में रहते थे दोनों बेटे, कन्नौज के रहने वाले बुजुर्ग के साथ जो हुआ, हिल जाएंगे
UP News: जीवन भर बच्चों की पढ़ाई और नौकरी की चिंता करने वाले पिता अपने आखिर समय में अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. बच्चों की नौकरी बड़े-बड़े शहरों में लग जाती है और वह विदेश भी चले जाते हैं. मगर पिछे उनके माता-पिता अकेले रह जाते हैं. अकेलेपन में उन्हें कब किसकी जरूरत पड़ जाए, ये जानने वाला भी कोई नहीं है.
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![अमेरिका-बेंगलुरु में रहते थे दोनों बेटे, कन्नौज के रहने वाले बुजुर्ग के साथ जो हुआ, हिल जाएंगे घटना स्थल की फोटो](https://akm-img-a-in.tosshub.com/lingo/uptak/images/story/202406/6674004ad0377-20240620-201121809-16x9.jpeg?size=948:533)
UP News: जीवन भर बच्चों की पढ़ाई और नौकरी की चिंता करने वाले पिता अपने आखिर समय में अकेले रहने के लिए मजबूर हैं. बच्चों की नौकरी बड़े-बड़े शहरों में लग जाती है और वह विदेश भी चले जाते हैं. मगर पिछे उनके माता-पिता अकेले रह जाते हैं. अकेलेपन में उन्हें कब किसकी जरूरत पड़ जाए, ये जानने वाला भी कोई नहीं है. कुछ ऐसा ही मामला एक बार फिर उत्तर प्रदेश के कन्नौज से सामने आया है. इसने पूरे समाज को काफी कुछ सोचने के लिए मजबूर कर दिया है. यहां घर में अकेले रहने वाले 76 साल के बुजुर्ग की मौत हो गई, लेकिन उसके दोनों बेटों को इसकी भनक तक नहीं लगी.
दरअसल घर में अकेले रहते हुए 76 साल के अरुण चंद्र मिश्रा की तड़प-तड़प कर अपने ही घर में मौत हो गई. अगर परिवार का कोई सदस्य उनके साथ होता तो शायद उनकी जान बच जाती. हैरानी की बात ये है कि घर में शव तीन दिन तक ऐसे ही पड़ा रहा. मगर किसी को भी इसका पता नहीं चला. जब दुर्गंध आई तब पड़ोसियों को इस पूरे मामले का पता चला.
बेटे रहते हैं अमेरिका और बेंगलुरु
दरअसल ये पूरा मामला कन्नौज सदर कोतवाली क्षेत्र के ग्वाल मैदान से सामने आया है. यहां रहने वाले 76 साल के अरुण चंद्र मिश्रा अकेले अपने मकान में रहते थे. उनका भरा पूरा परिवार था. दो बेटे हैं, जिसमें से एक बेटा अमेरिका तो दूसरा बेटा बेंगलुरु में रहते हैं. अरुण कुमार की पत्नी रेखा देवी भी अपने छोटे बेटे के साथ बेंगलुरु में ही रहती हैं,.
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ऐसे में अरुण कन्नौज के अपने पैतृक मकान में अकेले अपना बुढ़ापा जैसा-तैसा काट रहे थे. हैरान कर देने वाली बात ये है कि पिछले 3 दिनों से अरुण कुमार का शव उनके घर पर ही पड़ा हुआ था. मगर किसी को भी उनकी मौत की जानकारी नहीं थी. इस दौरान ना तो उनके परिजनों ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की और ना ही पड़ोसियों ने उनके बारे में पता किया. बेटों ने फोन करके अपने पिता का हाल-चाल जानने तक की कोई कोशिश नहीं की.
कई दिनों तक घर से बाहर नहीं निकले थे मृतक
बुजुर्ग अरुण कई दिनों तक घर से बाहर नहीं निकले थे. इसके बाद पड़ोस में रहने वाले कुछ युवकों को उनके घर से दुर्गंध आने लगी, जिसके बाद सूचना पुलिस को दी गई. पुलिस ने घर का दरवाजा तोड़कर देखा तो हर कोई दंग रह गया. बुजुर्ग अरुण घर के बरामदे में औंधे मुंह पड़े हुए थे. उनके बगल में एक बाल्टी रखी हुई थी, जो पानी से आधी भरी थी.अंदाजा लगाया जा रहा है कि बुजुर्ग पानी भरने के लिए उठे. उन्होंने बाल्टी उठाई. इसी दौरान वह नीचे गिर पड़े और उनकी मौत हो गई. घर में उनको कोई संभालने वाला या बचाने वाला नहीं था. इसके चलते तड़प-तड़प कर उन्होंने दम तोड़ दिया.
फिलहाल, घटना की जानकारी के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पुलिस ने ही अरुण मिश्रा की मौत की खबर उनके बेंगलुरु में रहने वाले छोटे बेटे को दी है. अब सभी को छोटे बेटे का इंतजार है. वही आकर अपने पिता के क्रिया कर्म करेगा. फिलहाल इस पूरे मामले ने सभी को हिला कर रख दिया है.
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(इस खबर को हमारे साथ इन्टर्न कर रहीं श्रद्धा तुलसयान ने लिखा है. )
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