मुख्तार अंसारी मौत मामले की शुरू हुई मजिस्ट्रेट जांच, बांदा जेल स्टाफ के दर्ज होंगे बयान

सिद्धार्थ गुप्ता

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फाइल फोटो.
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Uttar Pradesh News : यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया मुख्‍तार अंसारी की मौत सवालों के घेरे में है. माफिया मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari Death) की मौत को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि मुख्तार को 'धीमा जहर' दिया गया है. हालांकि, पोस्टमार्ट्म रिपोर्ट में माफिया की मौत की वजह हार्ट अटैक बताई गई है. वहीं मुख्तार की मौत के बाद मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए थे. उसी क्रम में एडीएम वित्त राजस्व राजेश कुमार द्वारा मजिस्ट्रियल जांच शुरू की जा चुकी है. 

मजिस्ट्रेट जांच हुई शुरू

बता दें कि एडीएम राजेश कुमार ने मजिस्ट्रियल जांच के संबंध में एडीएम ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया कि जांच के संबंध में यदि किसी भी व्यक्ति को लिखित मौखिक साथ बयान प्रस्तुत करना है हो तो 15 अप्रैल तक मेरे कार्यालय में उपलब्ध होकर दे सकते हैं. मुख्तार अंसारी की मौत के बाद शासन और प्रशासन ने मजिस्ट्रेटियल जांच के आदेश दिए थे, जिसके बाद ADM राजेश कुमार ने जांच पड़ताल शुरू की है. जांच में जेल में उस दिन ड्यूटी पर तैनात स्टाफ के भी बयान भी दर्ज किए जाएंगे. 

दर्ज कराए जाएंगे बयान

ADM वित्त राजेश कुमार ने लेटर जारी करते हुए बताया कि, 'मुख्तार अंसारी निवासी यूसुफपुर थाना मोहम्मदाबाद जिला गाजीपुर की 28 अप्रैल को रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज बांदा में मृत्यु हो गई थी. इसके बाद मेरे द्वारा मजिस्ट्रेटियल जांच संपादित की जा रही है. इस संबंध में जिस भी व्यक्ति को लिखित, मौखिक, साक्ष्य बयान प्रस्तुत करना हो तो वह 15 अप्रैल 2024 तक किसी भी दिन मेरे ऑफिस में आकर अपने बयान या साथ प्रस्तुत कर सकता है.'

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मुख्तार के मौत पर उठ रहे सवाल

दरअसल, मुख्तार के परिजनों का कहना है कि मुख्तार को जेल में जहर दिया जा रहा था, जिसके बाद उनकी मौत हुई है. दरअसल, कोर्ट के सामने खुद मुख्तार ने खुद को जहर दिए जाने का आरोप लगाया था. इसको लेकर मुख्तार ने अधिकारियों और कोर्ट को लेटर भी लिखा था. ऐसे में अब जब मुख्तार की मौत हो गई है, तो उसकी मौत पर सवाल भी उठ खड़े हुए हैं.

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