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अब भी लोगों के जुबां पर राजा भैया के तालाब की कहानी, अब जानें मगरमच्छ पालने के किस्से का सच

यूपी तक

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Raja Bhaiya News : राजा भैया, उत्तर प्रदेश में ये नाम हमेशा चर्चाओं और मीडिया सुर्खियों में रहता ही है. प्रतापगढ़ की कुंडा रियासत से संबंध रखने वाले और रियासत के युवराज राजा भैया की गितनी उत्तर प्रदेश के बाहुबलियों में की जाती है. राजा भैया की जिंदगी, उनका राजनीति सफर, सभी कुछ हमेशा से चर्चाओं में रहता ही है. फिलहाल राजा भैया लोकसभा चुनावों को लेकर चर्चाओं में हैं. दरअसल जनसत्ता दल के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के कुंडा स्थित बेंती महल में राजनीतिक दलों के नेता समर्थन मांगने पहुंचे. 

 

भाजपा से लेकर सपा तक के नेताओं ने राजा भैया के बेंती महल में जाकर उनसे मुलाकात की. इस दौरान राजा भैया ने भाजपा को झटका दे दिया और लोकसभा चुनावों में अंदर खाने सपा को समर्थन करने के संकेत भी दे दिए. अब जब राजा भैया चर्चाओं में हैं तब हम आपको आज उनसे जुड़ा एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे हैं, जिसकी चर्चा सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि देशभर में की जाती है. 

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 कुंडा का तालाब और उसमें मगरमच्छ

बात उस दौर की है, जब प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी की सरकार थी और मायावती उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थी. बसपा सुप्रीमो और राजा भैया की अदावत खुलेआम चल रही थी. इसी बीच मायावती ने राजा भैया पर एक्शन लेने शुरू कर दिए और उन्हें जेल भी भेज दिया.  इस दौरान उनके बेंती महल की भी तलाशी ली गई. वहां एक बड़ा तालाब भी था. कहा जाता है कि वह तालाब राजा भैया का ही है. इस तलाब को भी जांच अधिकारियों ने देखा. बस यहीं से एक ऐसी कहानी निकली, जो आगे जाकर राजा भैया के साथ जुड़ गई.  दरअसल कहा जाने लगा कि बेंती महल के पास राजा भैया का तालाब है और उसमें राजा भैया मगरमच्छ पालते हैं. राजा भैया के पास कई मगरमच्छ हैं और राजा भैया अपने दुश्मनों को उस तलाब में फिकवा देंते हैं. तब से लेकर अब तक राजा भैया के साथ ये मगरमच्छ वाली कहानी चल रही है.


राजा भैया ने बताई थी असल सच्चाई

आपको बता दें कि 2022 यूपी विधानसभा चुनाव के समय इंडिया टूडे से बात की थी. इस दौरान उन्होंने तालाब और मगरमच्छ वाली कहानी को लेकर अपनी पूरी बात रखी थी. राजा भैया ने कहा था, मेरे किसी भी तलाब में मगरमच्छ नहीं पाले जाते हैं. जिस तालाब की बात दशकों से होती है, वो तालाब 600 बीघा में फैला हुआ है. उस तालाब में मछली पालन का काम होता है. राजा भैया ने कहा था,  जिस तालाब में मछली पालेगा वहां कोई मगरमच्छ नहीं पालेगा, क्योंकि मगरमच्छ मछली खा जाएगा. इस दौरान राजा भैया ने ये भी कहा था कि उन्हें कभी-कभी काफी आश्चर्य होता है कि पिछले 20 से 25 सालों से इस बारे में आज भी उनसे बात की जाती है. राजा भैया ने आगे कहा था कि, जहां हमारा तालाब है, वहां करीब ही गंगा जी भी हैं. हो सकता है कि कभी कोई मगरमच्छ गंगा जी के माध्यम से हमारे तलाब में आ पहुंचा हो. वो अलग बात है. मगर हम मगरमच्छ नहीं पालते हैं.

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जब लालू प्रसाद यादव ने भी पूछ मगरमच्छ वाला सवाल

इस दौरान राजा भैया ने लालू प्रसाद यादव का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा कि एक बार खुद लालू प्रसाद यादव ने भी उनसे ऐसा ही सवाल पूछ डाला था. राजा भैया ने बताया था कि एक बार वह लखनऊ के VVIP गेस्ट हाउस में पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर जी से मिलने गए थे. जब वो उन से मिलकर बाहर निकल रहे थे, तब उस वक्त के बिहार के तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव भी उनसे मिले. उनसे मिलने के बाद लालू जी ने बिहारी अंदाज में पूछा कि क्या जी तुम मगरमच्छवा सही में पालता है. तब मैंने उनसे भी बोला था कि ना मेरे पास ऐसा तालाब है और ना मैं मगरमच्छ पालता हूं. हालांकि उनके पास बहुत बड़ा तालाब है, जिसमें वह मछलियां पालते हैं.

(इस खबर को यूपीतक के इंटर्न अमित पांडे ने लिखा है.)

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