झांसी के शिशु अस्पताल में जब लगी आग तब वहां क्या-क्या हुआ, देखें ग्राउंड रिपोर्ट

संतोष शर्मा

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झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार देर रात शॉर्ट सर्किट ने कई परिवारो की खुशियों को छिन लिया. NICU में लगी आग इतनी भीषण थी कि इसने 10 बच्चों को अपनी चपेट में ले लिया. हालांकि 37 बच्चों को खिड़की तोड़कर बचा लिया गया है. जिस वक्त यह आग लगी उस दौरान शिशु  वॉर्ड में करीब 50 से अधिक बच्चे थे.आग लगते ही अस्पताल में अफरा-तफरी मच गई. शिशु वार्ड के बाहर इंतजार कर रहे माता-पिता में चीख-पुकार शुरू हो गई.
 

हादसे के बाद अस्पताल के बाहर का नजारा भी कम दर्दनाक नहीं है. अपने मासूम बच्चों की तलाश में परिजन बिलख-बिलखकर रो रहे हैं. यहां कई बच्चे ऐसे हैं जिनके मां-बाप की जानकारी नहीं मिल पा रही तो कुछ मां-बाप ऐसे हैं जिनको अपने बच्चों की जानकारी नहीं मिल पा रही.

 

 

रोते बिलखते दिखे माता-पिता

महोबा जिले के  रहने वाले कुलदीप सिंह का भी बेटा एडमिट था जिसका अब कोई पता नहीं चल पा रहा. कुलदीप ने बताया कि उनका बेटा 9 नवंबर को पैदा हुआ था,बीयत खराब हुई तो झांसी मेडिकल कॉलेज में से भर्ती कराया गया. कल जब हादसा हुआ तो  बच्चे की दवा लेने के लिए बाहर गया था.  पत्नी ने आग लगने की सूचना दी.  वॉर्ड में पहुंचा तो हर तरफ आग लगी थी.  बच्चे अंदर बिलख रहे थे, चीखें निकल रही थी. कुलदीप उन लोगों में है जिसने वार्ड में भरती 54 बच्चों में से 5 बच्चों को खुद बचाया लेकिन अब उसके बेटे का पता नहीं चल रहा कि उसका बेटा कहां गया.

इस दौरान कई ऐसे और परिवार रोते बिलखते मिले.इस बीच एक जं इसी बीच एक दंपति रोते हुए चीखता है. पति चिल्लाते हुए कहता है. 'हमारा बच्चा नहीं मिल रहा है? कहां है कोई तो बता दो इतना बोलकर वह फिर से दहाडे मारकर रोने लगता है. 

 

 


हमारा बच्चा अबतक लापता

इस हादसे में अपने बच्चे की जान गंवाने वाले एक परिवार के साथ आई महिला ने बताया कि उन्होंने मंगलवार को ही बच्चे को अस्पताल में भर्ता कराया था. उस वक्त यहां 50-60 बच्चे भर्ती थे. जब आग लगी, तो पूरे शिशु वार्ड में आग फैल गई. हमने अपनी आंखों से 15 बच्चों को जलते हुए देखा.' आंसुओं से भरी आवाज़ में उन्होंने कहा, 'कुछ बच्चों को बाहर निकाला गया, कुछ को इमरजेंसी में ले गए. लेकिन हमारा बच्चा अब तक नहीं मिला. पता नहीं उसके साथ क्या हुआ."

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खाक में तब्दील हुआ NICU वार्ड

जिस वार्ड में बच्चे रखे गए थे, उसकी तस्वीरें भी सामने आई हैं. बच्चों को रखने वाली मशीनें पूरी तरह जलकर खाक हो गई हैं.पूरा वार्ड तहस-नहस हो गया है. लाइटें काटी हुई हैं.  झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज में शुक्रवार को हुए भीषण अग्निकांड में 10 नवजात शिशुओं की मौत हो गई, जबकि 17 बच्चे घायल हो गए. घायलों को बेहतर इलाज के लिए अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। हादसे के समय करीब 54 बच्चे नवजात शिशु गहन चिकित्सा कक्ष (एसएनसीयू वार्ड) में भर्ती थे.

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