रामपुर रजा लाइब्रेरी को भव्य बनाने में जुटी केंद्र सरकार, संस्कृति मंत्रालय के सचिव ने लिया जायजा
रामपुर की 300 वर्ष पुरानी रामपुर रजा लाइब्रेरी और म्यूजियम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास ध्यान है. शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार…
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रामपुर की 300 वर्ष पुरानी रामपुर रजा लाइब्रेरी और म्यूजियम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का खास ध्यान है. शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार इसके सुधार के लिए प्रयास में जुटी है. साल 2024 में रामपुर रजा लाइब्रेरी के स्थापना के 250 साल हो जाएंगे. रामपुर रजा लाइब्रेरी के स्थापना के 250 साल होने के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन अगले साल होगा. इसके लिए केंद्र सरकार के अधीन संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन मंगलवार को रामपुर पहुंचे और उन्होंने रजा लाइब्रेरी एवं म्यूजियम का जायजा लिया. साथ ही मुरादाबाद के मंडल आयुक्त, रामपुर के जिलाधिकारी सहित प्रशासन अधिकारियों की मीटिंग लेकर कार्य योजना तैयार की.
सचिव गोविंद मोहन ने मीडिया से बात करते हुए बताया,
“संस्कृति मंत्रालय की एक बहुत प्रमुख संस्था रामपुर में सिचुएटेड है. यह रामपुर रामपुर रजा लाइब्रेरी एंड म्यूजियम जो कि लगभग 300 साल से भी अधिक पुरानी एक धरोहर है इस देश की. इसमें बहुमूल्य वस्तुएं है जिसमे पुस्तके हैं. पंडोलूपिया है, सिक्के हैं. कई प्रकार की महत्व की कुछ वस्तुएं हैं तो इन सबके प्रति एक संस्कृति मंत्रालय में एक पुनर्विचार आरंभ हुआ है कि इस संग्रहालय और इस पुस्तकालय को जो इसका एक मूल्य आकर्षण था, जो इसकी ओरिजिनल वैल्यू थी. उसको हम फिर से कैसे पुनर्जीवित कर सकें, क्योंकि कई समय से जिस प्रकार का यहां ध्यान देना चाहिए वह ध्यान नहीं दिया गया है.”
उन्होंने आगे कहा कि यहां की पुस्तकें हैं उन पर भी जिस प्रकार का संरक्षण का काम होना चाहिए वह नहीं हो रहा है, तो यह सब करना जरूरी है. एकदम त्वरित रूप से करना चाहिए. संस्कृति मंत्रालय ने करीब साढ़े साथ करोड़ धनराशि आवंटित की है, जिसके माध्यम से यह सारा कार्य कराने हम जा रहे हैं, तो उसी का मैं निरीक्षण करने आया था. यहां के जिलाधिकारी और जो यहां के मंडलायुक्त हैं और यहां के हमारे माननीय विधायक जी हैं सभी के साथ मिलकर एक रणनीति और एक कार्य योजना हम बनाना चाह रहे हैं. सुबह से इसी पर मंथना चल रही है और हमने इसमें काफी प्रगति हासिल की है.
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गोविंद मोहन ने बताया,
“कुछ ही दिनों में हम यहां का कार्य आरम्भ कर देंगे और लगभग एक वर्ष के अंदर जो पूरा परिसर है किले का.जिसमें यह लाइब्रेरी और म्यूजियम अवस्थित है, उसको आप एक नए स्वरूप में देख पाएंगे और इससे रामपुर की जो एक पर्यटक वैल्यू है. टूरिस्ट वैल्यू है वह बहुत बढ़ेगी और यहां पर पर्यटक भी आएंगे, जो शोधकर्ता है पूरे विश्व से वह आज भी यहां आते हैं. अधिक मात्रा में आएंगे तो जो रामपुर की स्थानीय इकोनामी है, उससे भी इसको फायदा मिलेगा. यह हमारी योजना है और इसी की रणनीति को निर्धारित करने आज मैं यहां आया हूं.”
जब पत्रकारों ने सवाल पूछा कि रजा लाइब्रेरी का काम शुरू हो गया है, क्या लगता है कि आने वाले समय में पीएम की विजिट होगी? इसपर उन्होंने कहा, “यह कहना मेरे लिए तो बहुत कठिन है. एक हमारा विचार है कि जनवरी, 2024 में यहां पर एक रामपुर फेस्टिवल किया जाए. उसमें रामपुर की जो सांस्कृतिक धरोहर है, जिसमें यहां का संगीत है, यहां के जो खानपान की जो ट्रेडीशन हैं. यहां की जो आर्ट्स एंड क्राफ्ट है उन सबको सम्मिलित करके एक बड़ा फेस्टिवल यहां करें.”
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उन्होंने आगे बताया कि उस समय तक जो यहां का जो काम है लाइब्रेरी और म्यूजियम का वह भी आरंभ हो गया होगा. उसको भी एक हरी झंडी दिखाने का समय होगा, तो पूरा हमारा पर्यटन रहेगा. हम माननीय प्रधानमंत्री को यहां आमंत्रित कर सके और उनके कर कमलों द्वारा इस पूरे कार्य का शिलान्यास हो. इस पूरे कार्य को उनका आशीर्वाद और उनकी तरफ से जो हमें आशीष वचन चाहिए, वह हमको मिल सके तो पर्यटन हम जरूर करेंगे. इसका आश्वासन तो हम नहीं दे सकते हैं.
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