UP बोर्ड: कहीं ऑटो चालक की बेटी ने किया टॉप तो कहीं किसान की पुत्री ने पाया पहला स्थान

नाहिद अंसारी

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उत्तर प्रदेश बोर्ड की तरफ से 19 शनिवार को हाईस्कूल और इंटर का रिजल्ट घोषित किया गया. इसमें बुंदेलखंड के महोबा जिले की ऑटो चालक की बेटी ने हाईस्कूल में 94.83 प्रतिशत अंक हासिल कर जिला टॉप किया है, जबकि इंटरमीडिएट की परीक्षा में किसान की बेटी 90.40 प्रतिशत अंक पाकर जिले में प्रथम स्थान पाया है. जिसके बाद से दोनों परिवारों में खुशी है तो वहीं उनके विद्यालयों में भी जश्न का माहौल है. दोनों ही गरीब परिवारों ने संघर्ष कर अपनी बेटियों को पढ़ाया और रिजल्ट आने के बाद सभी का सिर गर्व से ऊंचा हो गया है. दोनों ही छात्राएं आईएएस बनने चाहती हैं.

कुलपहाड़ तहसील के जैतपुर इलाके में संचालित श्री हरवंश राठौर इंटर कॉलेज में पढ़ने वाली छात्रा आसी यादव पिता अरविंद यादव ऑटो चलाकर अपने तीन बच्चों की परवरिश करते हैं. पिता का सपना रहा कि उनकी बेटी बेहतर शिक्षा प्राप्त कर अपना और अपने परिवार का नाम रोशन करें. जिसके लिए दिन-रात मेहनत करते हुए अरविंद यादव अपनी बेटी आसी को पढ़ा रहे थे और उन्हें तब अधिक खुशी मिली जब पता चला कि उनकी बेटी ने जिले में टॉप किया है.

अरविंद यादव बताते हैं कि वह अपने बच्चों के भविष्य के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं. सुबह से ही उनकी दिनचर्या ऑटो चलाने की होती है और पूरा दिन यहां से वहां सवारियां ढोते रहते हैं, ताकि उससे मिलने वाले पैसे से अपने बच्चों की अच्छी परवरिश कर सके और उनकी शिक्षा को भी बेहतर आयाम दे सके. आखिरकार उनकी मेहनत का फल उन्हें मिला है. बेटी ने हाईस्कूल में पहला स्थान पाकर सभी का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.

आसी यादव बताती हैं कि उनके पिता की मेहनत और टीचरों के सहयोग से उन्होंने जिले में पहला स्थान पाया है. वह कहती हैं कि वह समाज सेवा करना चाहती हैं, इसके लिए आईएएस ऑफिसर बनने की तमन्ना रखती हैं और उसकी तैयारी के लिए आगे पढ़ाई करेंगी. उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के नजदीक आते ही वह लगातार 7 घंटे पढ़ाई करती रही थीं, जबकि रोजाना 5 घंटा पढ़ा करती थीं.

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इंटरमीडिएट की परीक्षा में शहर के न्यू सिटी में रहने वाले स्वदेश कुमार यादव की बेटी कोमल ने पहला स्थान पाकर विद्यालय का नाम रोशन करने के साथ ही परिवार को भी खुशियां दी हैं. स्वदेश कुमार यादव बताते हैं कि वह बेरोजगार हैं और 15 बीघा खेत में किसानी का कार्य करते हैं. जिससे उनका गुजर-बसर होता है. अपने बच्चों की बेहतर परवरिश के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं और आज नतीजा यह है कि उनकी बेटी ने टॉप किया है.

उन्होंने सरकार से मांग की है कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा छात्राओं के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उसकी बेटी को दिया जाए. साथ ही उनके मोहल्ले में आने-जाने के लिए कोई पक्की सड़क नहीं है जिससे पढ़ने के लिए छात्र-छात्राओं को दिक्कतें होती हैं. उन्होंने प्रशासन से सड़क बनवाए जाने की मांग की है.

छात्रा कोमल बताती हैं कि हाईस्कूल में उनके 84% प्रतिशत अंक आए थे जिसके बाद से वह हताश जरूर हुई थीं, लेकिन उन्होंने मेहनत नहीं छोड़ी. अपनी लगन, अध्यापकों की प्रेरणा और परिवार के सहयोग से उन्होंने मेहनत की और जिले में पहला स्थान पाया.

कोमल भी समाज सेवा करने के लिए आईएएस ऑफिसर बनना चाहती हैं.

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