वाराणसी के यूपी कॉलेज की जमीन पर वक्फ के दावे को लेकर आया नया ट्विस्ट, जानें क्या है माजरा

रोशन जायसवाल

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Uday Pratap College, Varanasi
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Varanasi News: वाराणसी के उदय प्रताप कॉलेज की जमीन पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड द्वारा किया गया 6 साल पुराना दावा अब खत्म हो चुका है. बोर्ड ने 18 जनवरी 2021 को ही इस दावे को छोड़ने का निर्णय लिया था और इसका निस्तारण भी हो गया था. हाल ही में बोर्ड ने इस संबंध में एक पत्र जारी किया, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि अब जमीन पर वक्फ बोर्ड का कोई दावा नहीं है. इसके बाद उदय प्रताप कॉलेज की ओर से भी एक पत्र जारी कर सभी से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील की गई है। इस घटनाक्रम से कॉलेज और स्थानीय समुदाय के बीच उत्पन्न विवाद समाप्त होने की उम्मीद है।

यूपी काॅलेज के प्रिंसिपल प्रो. डाॅ धर्मेंद्र सिंह की ओर से जारी पत्र के अनुसार, "उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ ने अपने पत्र संख्याः 2327/G.N.-106-Varanasi-2024 दिनांक 03.12.2024 के माध्यम से संयुक्त सचिव, अंजुमन इन्तेजामिया मस्जिद, के-63/32, नक्खास, वाराणसी को अवगत कराया है कि दिनांक 06.12.2018 को श्री आले अतीक तत्कालीन सहायक सचिव, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ द्वारा धारा 36 (7) वक्फ अधिनियम 1995 के तहत जारी नोटिस जिसके माध्यम से यूपी कॉलेज परिसर के अंदर स्थित मस्जिद के सम्बन्ध में नोटिस निर्गत की गई थी, उसे अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ के आदेश दिनांक 18.01.2021 द्वारा निरस्त किया जा चुका है. अतः दिनांक 06.12.2018 को जारी नोटिस के क्रम में कोई भी कार्यवाही सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड में प्रचलित नहीं है. उक्त आदेश से यह स्पष्ट है कि वर्तमान में यूपी कॉलेज परिसर पर उत्तर प्रदेश सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड, लखनऊ का अब वर्तमान में वक्फ सम्बन्धी कोई भी दावा नहीं है."

पत्र में आगे कहा गया, "अतः सभी से अनुरोध है कि वे पूर्व की भांति आपसी भाईचारा एवं सौहार्द बनाये रखें. समस्त प्राध्यापकों, वर्तमान छात्रों, पूर्व छात्रों, वाराणसी के समस्त नागरिकों और उदय प्रताप कालेज से जुड़े हुए सभी छात्र नेताओं से आग्रह है कि वक्फ के दावे सम्बन्धी यह मामला अब समाप्त हो गया है. अतः सभी लोग आपसी भाईचारा एवं सौहार्द बनाये रखें. यहां पठन-पाठन के कार्य के अलावा अन्य किसी गतिविधि के लिए उपयोग किया जाना समाज एवं संस्थाहित में उचित नहीं है. सभी से पुनः अनुरोध है कि कॉलेज परिसर में सौहार्दपूर्ण वातावरण कायम करने एवं शैक्षणिक गतिविधियों के सुचारू संचालन हेतु अपना सहयोग प्रदान करने का कष्ट करें."

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प्रिंसिपल ने आगे बताया कि अब यह मामला खत्म हो गया है. सभी लोग अपने-अपने दायरे में रहें और पठन-पाठन और परीक्षाओं के बारे में सोचें. उन्होंने बताया कि उनके कैंपस में कुल 3 धार्मिक स्थल हैं, जिनमें एक ग्राम देवता का मंदिर है, जो शिव के रुप में है, दूसरा शिव मंदिर है और तीसरा मजार-मस्जिद है. मजार को लेकर कोई कागजात नहीं हैं. किया गया दावा भी वक्फ ने खारिज कर दिया है.


 

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