घोसी उपचुनाव बना सपा-भाजपा के लिए प्रतिष्ठा का सवाल, अखिलेश यादव ने खुद संभाली कमान
Ghosi By Election 2023: उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी माहौल भी गरमा रहा है. घोसी उपचुनाव…
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Ghosi By Election 2023: उत्तर प्रदेश के घोसी उपचुनाव की घड़ी जैसे-जैसे नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे सियासी माहौल भी गरमा रहा है. घोसी उपचुनाव समाजवादी पार्टी और भाजपा के बीच अब प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है. एक तरह सपा जहां एक बार फिर इस सीट पर अपना कब्जा चाहती है तो वहीं भाजपा सीट को जीतकर 2024 के पहले एक बड़ा संदेश देना चाहती है. इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) खुद घोसी में पार्टी के प्रचार की कमान अपने हाथ में थामने जा रहे हैं.
अखिलेश ने थामी कमान
बता दें कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव 29 सिंतबर यानि मंगलवार को घोसी में चुनाव प्रचार के लिए उतरने वाले हैं. सपा मुखिया अखिलेश यादव भी मतदान से एक हफ्ते पहले यहां चुनावी जनसभाएं कर साइकिल के पक्ष में माहौल बनाएंगे. वहीं सपा ने सभी बड़े नेताओं को दो से तीन दिन यहां रहकर चुनावी जनसभाएं करने के निर्देश दिए हैं. बता दें कि घोसी विधानसभा सीट पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान के इस्तीफा देने से रिक्त हुई है. घोसी सीट 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट से विजयी रहे दारा सिंह चौहान के पिछले महीने बीजेपी में शामिल होने और सदस्यता से त्यागपत्र देने के कारण रिक्त हुई है.
सपा को मिला इनका साथ
घोसी विधानसभा उपचुनाव के लिए मतदान पांच सितंबर को होगा, जबकि वोटों की गिनती आठ सितंबर को की जाएगी. इस उपचुनाव के लिए चुनाव प्रचार भी तेज है. इस चुनाव में सपा को कांग्रेस, वामदल और अपना दल (कमेरावादी) ने अपना समर्थन दिया है.
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सपा और भाजपा के बीच लड़ाई
वहीं इस उपुचनाव के लिए बीजेपी ने दारा सिंह चौहान और समाजवादी पार्टी ने इस चुनाव के लिए सुधाकर सिंह को अपना उम्मीदवार बनाया है. बता दें कि इस उपचुनाव के परिणाम का उत्तर प्रदेश विधानसभा में पार्टियों के संख्याबल पर कोई खास असर नहीं पड़ेगा लेकिन भाजपा अगले लोकसभा चुनाव से पहले गैर-यादव अन्य पिछड़े वर्गों के बीच अपनी लोकप्रियता साबित करने के लिए घोसी सीट को सपा से छीनने की हर मुमकिन कोशिश करेगी. दूसरी ओर, सपा लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका देने की कोशिश करेगी और राज्य में अपने मूल मतदाताओं को एक मजबूत संदेश देने का प्रयास करेगी.
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