राजभर के साथ मुख्तार के बेटे अब्बास भी अब भाजपा के साथ? ट्विटर के टॉप ट्रेंड में ये चर्चा

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Uttar Pradesh News: मॉनसून की बारिश की वजह से यूपी में सिर्फ नदियां ही उफान पर नहीं हैं बल्कि सियासत भी पूरे उफान पर है. इस उफान में एक और तड़का रविवार को तब लगा जब अचानक ओम प्रकाश राजभर ने एक सियासी बम फोड़ दिया. असल में रविवार सुबह ओम प्रकाश राजभर और उनके बेटे की तस्वीर गृहमंत्री अमित शाह के साथ क्या सामने आई, प्रदेश की सियासी तपिश बढ़ गई. अमित शाह और राजभर, दोनों की तरफ से ऐलान हुआ कि SBSP अब भाजपा के साथ है यानी कि एनडीए का हिस्सा है. इस बीच ट्विटर पर मुख्तार अंसारी और अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) का नाम ट्रेंड करने लगा.

लोग यह कयाबसबाजी लगाने लगे कि क्या ओम प्रकाश राजभर के साथ विधायक अब्बास अंसारी भी भाजपा के साथ हो लिए? यह कयासबाजी इसलिए क्योंकि मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी SBSP के टिकट पर ही 2022 का विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मौके पर बीजेपी और राजभर के मजे लेने शुरू कर दिए.

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बीजेपी के आलोचक और रिटायर्ड IAS सूर्य प्रताप सिंह ने ट्वीट कर लिखा, ‘मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी NDA का हिस्सा हुए. राष्ट्रवादियों में हर्ष की लहर और भक्तों में उत्साह.’

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AAP विधायक नरेश बलियान ने ट्वीट किया, ‘माफिया सरगना मुख़्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी NDA का हिस्सा हुए. अब आप लोग देखते रहिए कि कैसे भाजपा मुख्तार अंसारी और उसके परिवार को राष्ट्रवादी घोषित करेगी. अब मुख्तार अंसारी के बाप दादा को याद कर महान स्वंत्रता सेनानी बताया जायेगा. इन भाजपाइयों को सत्ता दो बस.’

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ऐसे तमाम ट्वीट्स सामने आए और मुख्तार संग अब्बास ट्विटर के टॉप ट्रेंड में शामिल हो गए. हालांकि यहां यह बात साफ कर देनी जरूरी है कि अब्बास अंसारी एनडीए का हिस्सा होंगे या नहीं होंगे, अभी इसको लेकर कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है.

कहते हैं राजनीति में कुछ स्थायी नहीं होता, कब अपना पराया हो जाए और कब विपक्षी अपने गले लग जाए किसी को कुछ पता नहीं होता. यही बात यूपी में हुई है. रविवार को ओम प्रकाश राजभर एक बार फिर एनडीए में शामिल हो गए. उन्होंने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है. उसके बाद उन्हें एनडीएम में शामिल होने का ऐलान किया गया.

राजभर की पार्टी से विधायक है अब्बास अंसारी

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 सपा और सुभासपा ने मिलकर लड़ा था. इसमें मऊ सदर की सीट सुभासपा के खाते में आई थी. सुभासपा ने यहां से मुख्तार के बेटे अब्बास को अपना उम्मीदवार बनाया था. अब्बास ने यहां से जीत दर्ज की थी लेकिन चुनाव के बाद सपा और सुभासपा की जोड़ी टूट गई. गठबंधन टूटने के बाद भी अब्बास अंसारी की ओर से सुभासपा छोड़ने या पार्टी से इस्तीफा देने की पहल नहीं की गई है.मऊ सदर सीट से विधायक अब्बास अंसारी को फिलहाल कासगंज जेल में बंद है. उन पर मऊ विधानसभा चुनाव के दौरान एक चुनावी सभा में भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा है.

हालांकि राजभर अब्बास अंसारी को लेकर पहले दे चुके हैं ये बयान

मऊ से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से अब्बास अंसारी विधायक हैं? यूपी Tak ने नवंबर 2022 में ओम प्रकाश राजभर से यह सवाल किया था. तब अब्बास अंसारी पर ईडी की कार्रवाई हो रही थी. इस सवाल पर ओपी राजभर ने कहा था कि, ‘हमारी पार्टी से विधायक जरूर हैं, लेकिन नेता समाजवादी पार्टी के हैं. समाजवादी पार्टी ने हमको 12 कैंडिडेट दिए थे उसी में से वह भी थे, केवल सिंबल हमने दिया है. वह हमारी पार्टी से विधायक जरूर हैं, लेकिन नेता समाजवादी पार्टी के हैं. ईडी अपना काम कर रही है.’

बता दें कि ओम प्रकाश राजभर पहले भाजपा गठबंधन का हिस्सा थे और 2017 विधासभा चुनाव में जीत के बाद वह योगी सरकार में मंत्री भी बने थे. वहीं 2022 विधानसभा चुनाव में वह समाजवादी पार्टी के साथ थे. चुनाव में हार के बाद उनका सपा से गठबंधन टूट गया. बीते लंबे वक्त से सपा और अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साध रहे थे. वहीं कई मौकों पर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ की जमकर तारीफ की थी, जिसके बाद उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें शुरू हो गई थीं. इसके अलावा उनकी डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से नजदीकियां किसी से छिपी नहीं हैं.

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