एग्जिट पोल

Haryana Exit Poll: हरियाणा से जबरदस्त वापसी करेंगी मायावती या चलेगा चंद्रशेखर का जादू? जानें क्या कहता है एग्जिट पोल

रजत कुमार

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BSP chief Mayawati
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Haryana Exit Poll Result 2024 Highlights: हरियाणा विधानसभा चुनाव में कौन बाजी मारेगा ये सवाल सबकी जेहन में है. चुनाव में यूं तो कई पार्टियां जोर आजमा रही हैं लेकिन मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. हरियाणा चुनाव के मतगणना के पहले सूबे का एग्जिट पोल सबके सामने है. तमाम एग्जिट पोल में हरियाणा में कांग्रेस भारी बहुमत लेती दिख रही है और प्रदेश में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनती नहीं दिख रही है. वहीं इन एग्जिट पोल में बहुजन समाज पार्टी को लेकर भी बड़ी बात सामने आ रही है. 

हरियाणा बसपा करेगी कमाल!

एग्ज़िट पोल के ताजा अनुमान बताते हैं कि हरियाणा में इस बार संभावनाएं कांग्रेस के पक्ष में झुकी हुई दिख रही हैं. Axis My India के एग्ज़िट पोल के मुताबिक, कांग्रेस को लगभग 43% वोट शेयर मिलने की सम्भावना है, जबकि बीजेपी को 35% पर संतोष करना पड़ सकता है. बीएसपी गठबंधन, जिसमें अन्य छोटे दल शामिल हैं, 8% वोट के साथ तीसरे नंबर पर रह सकता है. आश्चर्यजनक बात यह है कि आम आदमी पार्टी और चंद्रशेखर आजाद की पार्टी को केवल 1% वोट शेयर मिल रहा है.

चंद्रशेखर आजाद, जो दलित वोटों पर मुख्य रूप से ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, की पार्टी को मायावती की बीएसपी के साथ गठबंधन में भी अधिक सफलता नहीं मिल रही है. मायावती की बीएसपी को लोकसभा में कोई सीट नहीं मिली लेकिन विधानसभा में उनका खाता खुल सकता है. वहीं, चंद्रशेखर आजाद के लिए यह चुनाव उतनी अच्छी खबर नहीं ला रहा है, क्योंकि उनका भी खाता खुलने की संभावना नहीं दिख रही है.

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क्या कहते हैं एग्जिट पोल

एग्ज़िट पोल के मुताबिक सीटों के मामले में कांग्रेस को 53 से 65 सीटें मिल सकती हैं, जबकि बीजेपी 18 से 28 सीटों तक सीमित रह सकती है. बीएसपी गठबंधन को 1 से 5 सीटें मिलने की संभावना है और JJP तथा समाजवादी पार्टी का खाता नहीं खुलने की उम्मीद है. आम आदमी पार्टी भी इस चुनाव में सीट पाने में असफल हो सकती है, जब कि अन्य दल 3 से 8 सीटें जीत सकते हैं. 

इतने सीटों पर दलित वोटरों का इम्पैक्ट 

बता दें कि हरियाणा चुनाव में दलित वोट की राजनीति इस बार के चुनावों में प्रमुख भूमिका निभा रही है. राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से 17 एससी (अनुसूचित जाति) के लिए आरक्षित हैं.  हालांकि, यह 47 सीटें भी विशेष महत्व रखती हैं.  इन सीटों पर दलित वोट का प्रभाव निर्णायक साबित हो सकता है और यही वजह है कि इस चुनाव में सभी राजनीतिक दल दलित वोट बैंक को लुभाने के लिए काफी मेहनत करती दिखाई दीं.

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कौन किसके साथ

वहीं हरियाणा में इस बार बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) इस बार 37 सीटों पर चुनाव लड़ रही है.  इसकी बाकी सीटें सहयोगी इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) को दी गई हैं. इस गठबंधन की कोशिश है कि दलित वोटरों को अपने पक्ष में कर सके ताकि चुनावी जीत हासिल हो सके. दूसरी ओर, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं. चंद्रशेखर की आजाद समाज पार्टी (ASP) 20 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, और इनका मुख्य जोर भी दलित वोटरों को अपने समीकरण में रखना है.
 

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