जिनकी याचिका से फंस गया मिल्कीपुर का उपचुनाव, बीजेपी के नेता गोरखनाथ बाबा अब ये कदम उठाने जा रहे
Milkipur Byelection: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीट में से नौ सीट पर होने वाले उपचुनाव की मंगलवार को घोषणा कर दी. हालांकि अदालत में मामला लंबित होने के कारण अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर मतदान का ऐलान नहीं किया गया.
ADVERTISEMENT
Milkipur Byelection: चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीट में से नौ सीट पर होने वाले उपचुनाव की मंगलवार को घोषणा कर दी. हालांकि अदालत में मामला लंबित होने के कारण अयोध्या जिले की मिल्कीपुर सीट पर मतदान का ऐलान नहीं किया गया. यूपी उपचुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद यह सवाल उठने लगा कि आखिर अयोध्या की मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव क्यों नहीं हो रहा है? इसके पीछे का कारण पूर्व विधायक गोरखनाथ बाबा की याचिका है, जो अवधेश प्रसाद (मिल्कीपुर के पूर्व विधायक, अब सांसद) के चुनाव के खिलाफ हाई कोर्ट में दाखिल की गई थी. बता दें कि अब गोरखनाथ बाबा ने अपनी याचिका वापस लेने का फैसला लिया है. इस बीच यूपी Tak ने गोरखनाथ बाबा से खास बातचीत की है. जानें उन्होंने क्या कहा?
यूपी Tak संग बातचीत में गोरखनाथ बाबा ने कहा, "हमने उपचुनाव का रास्ता साफ करने के लिए केस वापस लेने का फैसला किया है. 2-3 दिन में उपचुनाव का रास्ता साफ हो जाएगा और आयोग को सूचित कर देंगे." उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता था कि उनकी याचिका की वजह से चुनाव रोक दिया जाएगा. गोरखनाथ बाबा का कहना है कि 2022 में समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद ने जो सबूत पेश किए थे वो गलत थे और उसी आधार पर याचिका दाखिल की गई थी
उन्होंने आगे कहा, "अब जब कल उपचुनाव की घोषणा नहीं हुई तो मुझे भी आश्चर्य हुआ और मैं तुरंत संगठन से मिलने लखनऊ आया और मुलाकात की. मैं चाहता हूं कि वहां चुनाव हो.'
गोरखनाथ बाबा ने अखिलेश को लेकर ये कहा
सपा चीफ अखिलेश यादव के तंज पर उन्होंने कहा, "जो तंज कसा गया वह गलत है, हमें अंदाजा नहीं था कि ऐसा होगा. लेकिन अब हम आज याचिका वापस ले लेंगे."
यह भी पढ़ें...
ADVERTISEMENT
गोरखनाथ बाबा के वकील ने ये कहा
बाबा गोरखनाथ के वकील रुद्र विक्रम सिंह ने कहा कि 'आज हम हाईकोर्ट में केस दाखिल करेंगे, जिसके बाद कोर्ट आज या कल मामले की सुनवाई कर सकता है. हम अदालत से कहेंगे कि या तो मामले को खत्म कर दिया जाए क्योंकि अवधेश प्रसाद अब विधायक नहीं हैं, या हमें अपनी याचिका वापस लेने दें."
ADVERTISEMENT