रामपुर कारतूस कांड में 13 साल बाद आया फैसला, 24 पुलिसकर्मियों को मिली ये सजा, जानें मामला

आमिर खान

ADVERTISEMENT

रामपुर कारतूस कांड में 13 साल बाद आया फैसला, 24 पुलिसकर्मियों को मिली ये सजा, जानें मामला
रामपुर कारतूस कांड में 13 साल बाद आया फैसला, 24 पुलिसकर्मियों को मिली ये सजा, जानें मामला
social share
google news

Rampur News: रामपुर के चर्चित कारतूस कांड में दोषी पुलिसकर्मियों को कोर्ट ने सजा सुना दी है. बता दें कि कोर्ट ने 2 सीआरपीएफ जवानों समेत 24 पुलिसकर्मियों को मामले में सजा सुनाई है और आर्थिक जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने फैसला देते हुए सभी दोषी पुलिसकर्मियों को 10-10 साल की सजा सुनाई है और सभी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है.

बता दें कि इस मामले में तत्कालीन SSP रमित शर्मा की अध्यक्षा में जांच की गई थी. इसके बाद इलाहाबाद पीएसी के रिटायर्ड दरोग़ा यशोदानंदन, मुरादाबाद पीएसी के आर्मोर नाथूराम् सैनी समेत बस्ती गोंडा समेत कई ज़िलों में पुलिस और पीएसी के जवान गिरफ्तार किए गए थे. बीते गुरुवार को ही कोर्ट ने आरोपी पुलिसकर्मियों को दोषी ठहराया था.

आपको बता दें कि इस मामले ने यूपी में हड़कंप मचा कर रख दिया था. दरअसल रामपुर से कारतूसों की तस्करी आतंकवादियों और नक्सलियों को हो रही. यहां तक की एक नक्सली हमले में रामपुर के कारतूसों का इस्तेमाल नक्सलियों ने किया था, जिसमें सेना के कई जवान शहीद हो गए थे. जांच में सामने आया था कि बिहार के रास्ते कारतूस नक्सलियों को भेजे जा रहे हैं. जो पुलिसकर्मी इसमें शामिल थे, वह कारतूसों का आंकड़ा पूरा करने के लिए कारतूस की जगह उसके खाली खोखे रख देते थे. आपको ये भी बता दें कि 25 आरोपियों में एक आरोपी रिटायर्ड आर्मोरर यशोदानंदन की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

क्या था कारतूस कांड

29 अप्रैल साल 2010 के दिन यूपी एसटीएफ एक आरोपी को अरेस्ट करती है. एसटीएफ के एस.आई प्रमोद कुमार मामले की जांच करते हैं. इस दौरान एक डायरी सामने आती है. इस डायरी में कई लोगों के नाम और मोबाइल नंबर लिखे होते हैं. इस डायरी के आधार पर एसटीएफ 25 लोगों को और गिरफ्तार कर लेती है.

हैरानी की बात ये होती है कि ये सभी पुलिसकर्मी होते हैं. इनमें से कुछ सीआरपीएफ और कुछ पीएससी में भी तैनात होते हैं. एसटीएफ ने मामले का खुलासा करते हुए कहा कि ये सभी पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान नक्सलियों और आतंकवादियों को कारतूस की सप्लाई किया करते थे. मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया था. दरअसल पकड़े गए कई सिपाही सीआरपीएफ और पीएससी जैसे सुरक्षा बलों में भी तैनात थे.

ADVERTISEMENT

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा हमले में हुआ कारतूस इस्तेमाल

दरअसल छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सलियों का बड़ा हमला हुआ था. इस हमले में सेना के कई जवान शहीद हुए थे. जब इस हमले की जांच की गई तो सामने आया कि जिन कारतूसों का इस्तेमाल आतंकी नक्सलियों ने किया है, उनका संबंध रामपुर से है. तभी से जांच एजेसियों की निगाह यहां लग गई.

जांच में सामने आया की खाली खोखो से कारतूस बदल लिए जाते और सारा खेल कर दिया जाता. जैसे-जैसे जांच बढ़ती गई, मामला खुलता गया. जांच में सामने आया कि कारतूस सीडब्लूएस रामपुर से निकलते थे और आतंकियों और नक्सलियों के हाथों लग जाते थे. इन कारतूसों की सप्लाई आतंकवादियों और नक्सलियों को की जा रही थी.

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT