आज से शुरू होगी प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूजा प्रक्रिया, जानें 22 जनवरी तक क्या-क्या होगा?
2 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. बता दें कि इसके लिए आज यानी 16 जनवरी से पूजा प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 22 जनवरी तक जारी रहेगी.
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Ram Mandir Update: 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा करेंगे. पीएम मोदी द्वारा प्राण प्रतिष्ठा के बाद 70 एकड़ में फैले इस मंदिर को भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा. बता दें कि इसके लिए आज यानी 16 जनवरी से पूजा प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, जो 22 जनवरी तक जारी रहेगी. फिलहाल, खबर में आप विस्तार से जानिए कि 22 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा से जुड़ी पूजा प्रक्रिया में किस दिन क्या कुछ होगा?
पूजन विधि 16 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगी
- 16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन होगा.
- 17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश कराया जाएगा.
- 18 जनवरी को गर्भ गृह में मूर्ति को रखा जाएगा. साथ ही जल यात्रा, जलाधिवास, गंधाधिवास और तीर्थ पूजन होगा.
- 19 जनवरी को औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास, धान्याधिवास पूजन होगा.
- 20 जनवरी को शर्कराधिवास, फलाधिवास, पुष्पाधिवास पूजन होगा.
- 21 जनवरी को मध्याधिवास, शय्याधिवास पूजन होगा.
- 22 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 20 मिनट पर प्राण प्रतिष्ठा शुरू होगी.
आपको बता दें कि आज यानी 16 जनवरी से प्रथम यजमान के रूप में डॉक्टर अनिल मिश्र और उनकी पत्नी उषा मिश्रा भगवान की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान पर बैठेंगे. जोकि आगे 50 वैदिक प्रक्रिया के साक्षी बनेंगे. आज यजमान सरयू जल के साथ 10 प्रकार के स्नान लेंगे. वहीं, मूर्तिकार अरुण योगीराज भगवान की प्रतिमा समर्पित करने से पहले कोई कमी दूर करने के लिए अंतिम आग्रह करेंगे.
कौन हैं अरुण योगीराज?
मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों वाले परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाले अरुण योगीराज वर्तमान में देश में सबसे अधिक मांग वाले मूर्तिकार हैं. अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं. उनके दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था. अरुण योगीराज भी बचपन से ही नक्काशी के काम से जुड़े रहे हैं.
अरुण की अपनी ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार, एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में काम किया. मगर जन्मजात मूर्तिकला पेशे कौशल के की वजह से उनका नौकरी करने में मन नहीं लगा. इसके बाद साल 2008 से उन्होंने अपना नक्काशी में करियर जारी रखा है.
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