सारस के ‘दोस्त’ आरिफ को साथ लेकर बैठे अखिलेश, कहा- उनसे भी मोर छीनो जो खिला रहे थे दाना

यूपी तक

ADVERTISEMENT

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव
social share
google news

UP Political News: समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने बुधवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान अखिलेश ने सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर जमकर तीखा प्रहार किया. दरअसल, प्रेस कॉन्फ्रेंस में अमेठी के आरिफ नामक वो युवक भी मौजूद थे, जो सारस को पालने के लिए सुर्खियों में आए थे. मगर मंगलवार को इंसान और पक्षी के बीच का ये अनोखा और अनुठा साथ टूट गया. दरअसल अब वन विभाग की टीम ने सारस को आरिफ के कब्जे से लेकर समसपुर पक्षी विहार में संरक्षित कर दिया है. इसी मामले को लेकर अखिलेश ने योगी सरकार पर हमला बोला. अखिलेश ने आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने सारस को आरिफ से इसलिए छीना क्योंकि वह इन दोनों की दोस्ती को देखने चले गए थे. वहीं, सपा चीफ ने तंज कसते हुए कहा कि सरकार उनसे भी मोर छीने जो उसे दाना खिला रहे थे. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वह मोर को दाना खिला रहे थे. ऐसी चर्चा है कि मोर को दाना खिलाने की बात कहकर अखिलेश ने पीएम मोदी समेत प्रदेश सरकार पर निशाना साधा है.

अखिलेश ने कहा, “यहां आरिफ बैठे हैं, इनको कौन नहीं जानता. इन्होंने सारस के साथ जो मित्रता दिखाई और उसकी जो सेवा की, उसका परिणाम यह हुआ कि सारस इनका मित्र बन गया. यह कम देखने को मिला होगा कि सरसा आदमी का मित्र बन जाए और उसका व्यवहार बदल जाए. इन्होंने तब उसकी सेवा की जब वो चोटिल था. ये तो स्टडी का सब्जेक्ट है कि सारस इनके पास कैसे रुक गया. इनसे सारस इसलिए छीन लिया गया क्योंकि मैं इनसे मिलने चला गया था. क्या यही लोकतंत्र है?”

उन्होंने कहा, “अगर सरकार सारस को छीन रही है तो सरकार को उनसे भी मोर छीन लेना चाहिए जो मोर को दाना खिला रहे थे. क्या सरकार की हिम्मत है वहां पहुंच जाने की. ये सरकार ने केवल इसलिए किया क्योंकि में सारस से और उसे पालने वाले से मिलने चला गया था.”

अखिलेश ने कहा, “मुझे याद है कि जब मैं कानपुर जेल में सपा विधायक से मिलने गया तो उसका ट्रांसफर कर दिया गया. आजम खान साहब और उनका परिवार इसलिए परेशानी में है, क्योंकि वो समाजवादी हैं. ये न केवल आम लोगों के दुश्मन हैं बल्कि पेड़ पक्षियों के भी दुश्मन हैं. इटावा में सारस का संरक्षण केंद्र बन रहा था वो छीन लिया. सारस मित्र बनाए जाते थे उनका मानदेय छीन लिया.”

यह भी पढ़ें...

ADVERTISEMENT

    follow whatsapp

    ADVERTISEMENT