लड़की ने ताजमहल के पीछे की गंदगी दिखाई, SP नेता ने समझा विदेशी तो मिला ये जवाब
दा चाइल्ड मूवमेंट की संस्थापक, बाल पर्यावरणविद् और जलवायु कार्यकर्ता 10 वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम की एक तस्वीर की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही…
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दा चाइल्ड मूवमेंट की संस्थापक, बाल पर्यावरणविद् और जलवायु कार्यकर्ता 10 वर्षीय लिसीप्रिया कंगुजम की एक तस्वीर की सोशल मीडिया पर जमकर चर्चा हो रही है. दरअसल, इस तस्वीर में लिसीप्रिया आगरा स्थित ताजमहल के पीछे हाथ में एक तख्ती लिए खड़ी हैं. इस तख्ती में लिखा है, “ताजमहल की सुंदरता के पीछे प्लास्टिक पॉल्यूशन है.”
लिसीप्रिया ने अपनी इस तस्वीर को ट्वीट कर कहा,
“ताजमहल की खूबसूरती के पीछे! धन्यवाद मनुष्य. ताजमहल देखने के दौरान आपने यह नजारा देखा होगा. आप कह सकते हैं कि यह बहुत प्रदूषित है. यहां हर साल लाखों लोग आते हैं और आपके पॉलीथीन बैग के एक टुकड़े और साधारण प्लास्टिक की पानी की बोतल ने इस स्थिति को ऐसा बनाया है.”
लिसीप्रिया कंगुजम
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SP नेता ने लिसीप्रिया को समझा विदेशी, मिला यह जवाब
आपको बता दें कि लिसीप्रिया के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए समाजवादी पार्टी के डिजिटल मीडिया कॉर्डिनेटर मनीष जगन अग्रवाल ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, “विदेशी पर्यटक भी भाजपा शासित योगी सरकार को आईना दिखाने को मजबूर हैं. भाजपा की सरकार में यमुना जी गंदगी से भरी पड़ी हैं, ताजमहल को खूबसूरती पर ये गंदगी एक बदनुमा दाग है, विदेशी पर्यटक द्वारा सरकार को आईना दिखाना बेहद शर्मनाक है. भारत और यूपी की ये छवि भाजपा सरकार ने बनाई है.”
इसके बाद लिसीप्रिया ने मनीष जगन अग्रवाल को जवाब देते हुए कहा, “हेलो सर. मैं एक गौरवान्वित भारतीय हूं. मैं विदेशी नहीं हूं.”
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कौन हैं लिसीप्रिया कंगुजम?
लिसीप्रिया कंगुजम की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार उनका जन्म 2 अक्टूबर 2011 को हुआ था. वह भारत की दस वर्षीय बाल पर्यावरणविद् कार्यकर्ता हैं और दा चाइल्ड मूवमेंट की संस्थापक हैं. वह छह साल की उम्र से ही जलवायु परिवर्तन से लड़कर पर्यावरण की रक्षा, संरक्षण और पोषण करने के अपने उद्देश्य की हिमायत कर रही हैं.
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बता दें कि लिसीप्रिया विश्व स्तर पर सबसे कम उम्र की जलवायु कार्यकर्ताओं में से एक हैं. उन्होंने मैड्रिड (स्पेन) में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन 2019 (COP25) को संबोधित करते हुए दुनिया के नेताओं को अपने भविष्य को बचाने के लिए तत्काल जलवायु कार्रवाई करने का आह्वान किया था.
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