रामचरितमानस विवाद: बीजेपी सांसद निरहुआ बोले-कृष्ण के समय में कंस थे तो राम के समय में भी रावण

राजीव कुमार

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समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के द्वारा दिए गए रामचरितमानस (Ramcharitmanas controversy) पर विवादित बयान को लेकर यूपी में सियासी वार-पलटवार का सिलसिला जारी है. इसी कड़ी में बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ ने सपा पर जमकर हमला बोला है.
आजमगढ़ से बीजेपी सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ (Dinesh Lal Yadav Nirhua) ने रामचरितमानस विवाद को लेकर कहा, “सात जन्म में भी समाजवादी पार्टी की सरकार नहीं आने वाली है और हमेशा राजनैतिक बयानबाजी कर जो माहौल खराब करने का काम किया जा रहा है वह सदियों से चलता आया है. कृष्ण के समय में भी कंस थे तो राम के समय में भी रावण, लेकिन सच्चाई की हमेशा जीत हुई.”

गौरतलब है कि सपा के विधान परिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य ने 22 जनवरी को कहा था कि श्रीरामचरितमानस की कुछ पंक्तियों में जाति, वर्ण और वर्ग के आधार पर यदि समाज के किसी वर्ग का अपमान हुआ है तो निश्चित रूप से वह ‘‘धर्म नहीं अधर्म’’ है.

मौर्य ने कहा था, ‘‘श्रीरामचरित मानस की कुछ पंक्तियों में ‘तेली’ और ‘कुम्हार’ जैसी जातियों के नामों का उल्लेख है, जो इन जातियों के लाखों लोगों की भावनाओं को आहत करती हैं.’’

मौर्य ने मांग की थी कि पुस्तक के ऐसे हिस्से पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए जो किसी की जाति या ऐसे किसी चिह्न के आधार पर किसी का अपमान करते हैं.

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 कानपुर देहात की घटना पर भी दी प्रतिक्रिया

कानपुर देहात जिले में अतिक्रमण हटाए जाने के दौरान मां-बेटी की मौत मामले पर बीजेपी सांसद ने कहा कि किसी भी अधिकारी ने गलत कार्रवाई की है तो निश्चित रूप से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. किसी को भी प्रताड़ित करने का कोई अधिकार नहीं है.

बता दें कि सोमवार शाम को कानपुर देहात जिले में रूरा थानाक्षेत्र के मडौली गांव में अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान सोमवार को एक अधेड़ उम्र की महिला और उसकी बेटी ने कथित तौर पर अपनी झोपड़ी में खुद को आग लगा ली, जिससे दोनों की मौत हो गई थी.

‘आजमगढ़ के भैरव धाम का भी जीर्णोद्धार होना चाहिए’

इसके अलावा लोकसभा में दिए गए बयान को दोहराते हुए दिनेश लाल यादव निरहुआ ने कहा कि जिस तरह से वाराणसी बाबा भोलेनाथ और अयोध्या का नए तरीके से जीर्णोद्धार हो रहा है उसी क्रम में आजमगढ़ के भैरव धाम का भी जीर्णोद्धार होना चाहिए. जिसकी मांग उठाई गई है. हमें उम्मीद है कि आजमगढ़ में भी इस पौराणिक ऐतिहासिक महत्व वाले क्षेत्र को उनका दर्जा मिलेगा.

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