पांच राज्यों की 6 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव का ऐलान हो गया है, जिसमें उत्तर प्रदेश की भी दो विधानसभा सीटें शामिल हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के सबसे मजबूत गढ़ के तौर पर पहचान रखने वाली मैनपुरी लोकसभा सीट पर भी उपचुनाव इसी दौरान होगा. वहीं इन उपचुनाव की घोषणा होते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सैफई स्थित अपने चाचा प्रो. रामगोपाल यादव के घर उनसे मिलने पहुंचे.
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बता दें कि पांच दिसंबर को यूपी के खतौली और रामपुर विधान सभा क्षेत्र के साथ मैनपुरी लोकसभा क्षेत्र में मतदान होगा. रामपुर में आजम खान और खतौली में विक्रम सैनी दोनों जगहों के विधायक आपराधिक मामलों में सजा सुनाए जाने के बाद अयोग्य घोषित किए गए हैं.
वहीं मंगलवार को उपचुनाव की घोषणा होते ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव, चाचा प्रोफेसर रामगोपाल यादव के घर उनसे मिलने के लिए पहुंचे.इस मुलाकात में पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव भी मौजूद दिखे. ऐसा कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मुलाकात में अखिलेश यादव ने चाचा रामगोपाल से मैनपुरी सीट के लिए प्रत्याशी के नाम पर चर्चा की. ऐसा माना जा रहा है कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव के साथ चर्चा के बाद ही प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की जाएगी. वहीं इस मुलाकात के बाद अखिलेश यादव की गाड़ी में बैठ कर रामगोपाल यादव और धर्मेंद्र यादव एक साथ किसी नीजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हुए.
इस दौरान अखिलेश यादव मीडिया से दूरी बनाते दिखे. उन्होंने किसी भी तरह की कोई बात मीडिया से करने से मना कर दिया. ऐसा माना जा रहा है कि मैनपुरी को छोड़कर अन्य जगहों पर प्रत्याशी के नाम की मुहर नहीं लग पाई है. इसलिए एक-दो दिन में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा हो पाएगी.
सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) के निधन के बाद मैनपुरी में उपचुनाव होने जा रहा है. अखिलेश यादव की कोशिश यहां जीत दर्ज कर मुलायम के सम्मान को बरकरार रखने की है, वहीं बीजेपी किले में सेंध लगाने का मौका चूकना नहीं चाहती है. मैनपुरी, रामपुर और खतौली में आगामी उपचुनाव को देखते हुए यूपी में सियासी गर्मी बढ़ी हुई है. ऐसा माना जा रहा है कि इन तीनों सीटों पर बीजेपी और सपा की तरफ से कभी भी प्रत्याशियों का ऐलान किया जा सकता है.
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