ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सोमवार को सर्वे का काम पूरा होने के साथ जब ये बात सामने आई कि कुएं में बाबा (शिवलिंग) मिल गए! इसके बाद योगी सरकार के मंत्री केशव प्रसाद मोर्या ने ट्वीट करते हुए लिखा है, ‘बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है.’ इसी बीच एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ट्वीट कर मामले में प्रतिक्रिया दी है.
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ओवैसी ने ट्वीट कर कहा है- ‘यह बाबरी मस्जिद में दिसंबर 1949 की पाठ्यपुस्तक की पुनरावृत्ति है. यह आदेश ही मस्जिद के धार्मिक स्वरूप को बदल देता है. यह 1991 के एक्ट का उल्लंघन है. यह मेरी आशंका थी और यह सच हो गया है. ज्ञानवापी मस्जिद फैसले के दिन तक मस्जिद थी और रहेगी इंशाअल्लाह’.
इसके साथ ही ओवैसी ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है जिसमें वे भषण देते नजर आ रहे हैं. इसमें वो कह रहे हैं- ‘जब मैं 20-21 साल का था तो बाबरी मस्जिद को मुझसे छीन लिया गया. अब हम वही 19-20 साल के बच्चों की आंखों के सामने कोई मस्जिद को नहीं खोएंगे इंशाअल्लाह.
वीडियो में असदुद्दीन ओवैसी कहते हुए दिख रहे हैं- ‘क्या आप तमाम लोग अहद लेते हैं कि हम कोई मस्जिद को नहीं खाएंगे. इनको पैगाम मिलना चाहिए… मस्जिद को नहीं खोएंगे. हम जान चुके तुम्हारे हथकंडो को. मोमीन वो है जो एक सुराख से दो बार नहीं डसा जाएगा. ज्ञानवापी मस्जिद मस्जिद थी और जब तक अल्लाह दुनिया को कायम रखेगा मस्जिद रहेगी. हमारा काम है कि मस्जिद को आबाद रखें.”
गौरतलब है कि वाराणसी में सोमवार को लगातार तीसरे दिन कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का सर्वे-वीडियोग्राफी कार्य संपन्न हुआ. तीसरे दिन परिसर में सर्वे खत्म कर बाहर निकले हिंदू पक्ष के वकील ने वजुखाने के पास कुएं में शिवलिंग मिलने का दावा कर दिया. इसके बाद वह इस मामले को लेकर कोर्ट पहुंच गए.
हिंदू पक्ष की तरफ से कोर्ट से अपील की गई कि, ‘16.5.2022 को कमीशन की कार्रवाई के दौरान मस्जिद कॉम्प्लेक्स के अंदर शिवलिंग पाया गया है. यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है, इसलिए सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें. वाराणसी के डीएम को आदेशित किया जाए कि वह वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें. मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी रोक दिया जाए.’
इस अपील पर सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने आदेश देते हुए कहा, “वाराणसी के डीएम को आदेशित किया जाता है कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिला है, उस स्थान को तत्काल प्रभाव से सील कर दें और सील किए गए स्थान पर किसी भी व्यक्ति के प्रवेश को वर्जित किया जाता है.”
हालांकि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष ने अलग दावा किया है. मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा, “शिवलिंग नहीं मिला है. सर्वे की कार्रवाई खत्म हो गई है. यह अदालत तय करेगी कि शिवलिंग मिला है या नहीं. प्रतिवादी पक्ष ने कमीशन की कार्रवाई का पूरा सहयोग किया.”
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