उत्तर प्रदेश के बाराबंकी (Barabanki news) जिले में किसानों की खाद की समस्या कम होने का नाम नहीं ले रही है. 2 दिन पहले एक किसान को खाद नहीं मिली तो वह पेड़ पर चढ़कर आत्महत्या की कोशिश करने लगा, तो वहीं आज एक महिला किसान को 2 दिन लाइन में लगने के बाद डीएपी नहीं मिली तो उसने पुलिस बुला ली.
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बाराबंकी के पीसीएफ गोदाम पर किसान लंबी-लंबी लाइन लगा खड़े हुए हैं. यही नहीं महिला किसान भी बड़ी तादाद में मौजूद हैं, लेकिन कई दिनों से लाइन लगाने के बाद भी लोगों को खाद नहीं मिल पा रही है.
एक महिला किसान ने तो परेशान होकर डायल 112 पर फोन करके पुलिस को बुला लिया. पुलिस के आने के बाद उसे खाद मिल पाई और फिर महिलाओं की अलग से लाइन लगवाई गई.
वहीं परेशान किसानों का कहना है कि खाद की समस्या से हम लोग लगभग एक महीने से परेशान हैं, लेकिन खाद नहीं पा मिल रही है.
पीसीएफ केंद्र बाराबंकी से लगभग 20 किलोमीटर दूर देवा से आई एक महिला किसान दो दिन से लाइन में खड़ी थी, लेकिन खाद नहीं मिली तो दूसरे दिन आजिज होकर उसने पुलिस बुला लिया. डायल 112 के पुलिसकर्मी कृषि केंद्र पर पहुंचे और महिला की शिकायत सुनने के बाद उसे खाद दिलवा दिया और केंद्र प्रभारी को हिदायत दी कि महिलाओं की अलग लाइन लगाकर उन्हें खाद दी जाए.
किसानों की लंबी कतारें, लेकिन नहीं मिल रही खाद
पीसीएफ केंद्र पर सैकड़ों किसान लाइन लगाए हुए सुबह से खड़े हैं. कुछ का कहना है कि हम लोग तीन दिन से आ रहे हैं, लेकिन टोकन ही नहीं मिल रहा है. आधार कार्ड की कॉपी को लिया जाता है, फिर फाड़कर फेंक दिया जाता है. जो बड़े किसान रसूख वाले हैं, उन्हें खाद मिल जाती है. हम लोग छोटे किसान हैं, तो खाद नहीं मिल रही है.
महिला किसान भी हुईं परेशान
वहीं कई महिला किसान और किसानों के परिवार की महिलाएं भी लाइन में सुबह से खड़ी हैं. उनका कहना है कि सुबह 6 बजे से हम लोग आ जाते हैं, शाम तक रहते हैं, लेकिन खाद नहीं मिलती है. आलू, सरसों की फसल के लिए खाद की जरूरत है, लेकिन नहीं मिल रही है.
केंद्र प्रभारी ने आरोपों को बताया गलत
वहीं पीसीएफ कृषि केंद्र के प्रभारी कमल सिंह राठौर ने बताया कि खाद की समस्या है, जैसे-जैसे खाद आ रही है, बांटी जा रही है. हमने महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइन लगवाई है. हम पर लगाए जा रहे आरोप गलत हैं.
पुलिस ने कृषक केंद्र प्रभारी को दी हिदायत
वहीं महिला किसान द्वारा बुलाई गई डायल 112 पुलिस कर्मियों ने बताया कि महिलाओं को खाद नहीं मिल रही थी, इसलिए हमको बुलाया गया है. महिला को खाद दिलवा रहे हैं. केंद्र प्रभारी से कहा कि महिलाओं और पुरुषों की अलग-अलग लाइन लगवा कर खाद बांटे, जिससे कोई कानून व्यवस्था चौपट न हो.
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