UP PCS-J परीक्षा में भी गड़बड़ी, श्रवण पांडेय की आंसर शीट की हैंडराइटिंग ही बदली! आयोग ये बोला

आनंद राज

• 10:17 AM • 02 Jul 2024

UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा 2022 के परिणाम में गड़बड़ी स्वीकार ली है. खबर में आगे जानिए क्या है पूरा मामला?

सांकेतिक तस्वीर

सांकेतिक तस्वीर

follow google news

UP News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोकसेवा आयोग पीसीएस-जे मुख्य परीक्षा 2022 के परिणाम में गड़बड़ी स्वीकार ली है. बता दें कि 3 अगस्त तक नए सिरे से गड़बड़ी वाले अभ्यर्थियों का फिर से परिणाम घोषित किया जाएगा. मालूम हो कि श्रवण पांडेय की याचिका की सुनवाई कर रहे इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एसडी सिंह और न्यायमूर्ति अनीस कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने मामले को गंभीर माना और लोक सेवा आयोग के चेयरमैन को बेहतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है. याचिका की अगली सुनवाई अब 8 जुलाई को होगी.

यह भी पढ़ें...

याची अधिवक्ता विभु राय ने बताया कि आयोग के उप सचिव के हलफनामे में स्वीकार किया गया कि इंटरमिक्सिंग हुई है. लगभग 50 अभ्यर्थियो के परिणाम में इंटरमिक्सिंग का पता चला है. इनके परिणाम फिर से जारी किए जाएंगे. कोर्ट ने उप सचिव के हलफनामे को संतोषजनक नहीं माना और चेयरमैन को चार बिंदुओं पर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है.

 

 

कोर्ट ने पूछा है कि कितने अभ्यर्थियों का परिणाम सही नहीं है. अगर फिर से इनके परिणाम तैयार होंगे, तो कितने लोग बाहर होंगे. चयन से बाहर जाने और अंदर आने वालों के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जाएगी. बता दें कि कोर्ट ने 3 अगस्त की टाइमलाइन को सही नहीं माना और कहा कि पहले कार्रवाई पूरी की जाए. इससे पहले कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को अभ्यर्थियों की सभी 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने का आदेश दिया था. 

याची श्रवण पांडेय ने आरोप लगाया है कि उसकी अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में हैंडराइटिंग बदली हुई है और एक अन्य उत्तर पुस्तिका के कुछ पन्ने फाड़े गए हैं. इसकी वजह से वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाया है.

याची का कहना था कि वह 2022 पीसीएस जे मुख्य परीक्षा में शामिल हुआ, जिसका परिणाम 30 अगस्त 2023 को जारी किया गया. याची को मुख्य परीक्षा में जो भी अंक मिले थे, उससे वह संतुष्ट नहीं था. उसने आरटीआई के तहत आयोग से जानकारी मांगी तो उसे 6 प्रश्न पत्रों में मिले प्राप्तांक की जानकारी मिली. पता चला की अंग्रेजी प्रश्न पत्र में उसे 200 में से मात्र 47 अंक मिले हैं. इससे असंतुष्ट होकर उसने आरटीआई के तहत 6 प्रश्न पत्रों की उत्तर पुस्तिकाएं दिखाने की मांग की. 

 

 

उत्तर पुस्तिकाएं देखने पर पता चला की अंग्रेजी विषय की उत्तर पुस्तिका में उसकी हैंडराइटिंग नहीं है, जो कि उसने अन्य प्रश्न पत्रों में लिखी है. साथ ही हिंदी की उत्तर पुस्तिका के तीन चार पन्ने फटे हुए पाए गए. इस पर कोर्ट ने लोक सेवा आयोग को निर्देश दिया है कि याची की सभी 6 उत्तर पुस्तिकाओं को अदालत के सामने प्रस्तुत किया जाए, ताकि उसका मिलान करके यह पता लगाया जा सके की अंग्रेजी की उत्तर पुस्तिका में याची की हैंडराइटिंग है या नहीं है. अब आयोग ने परिणाम के इंटरमिक्सिंग की बात स्वीकार कर दुरूस्त करने का हलफनामा दाखिल किया है.

    follow whatsapp