CM योगी बोले- ‘त्योहारों का समय कानून-व्यवस्था के लिए संवेदनशील, हमें सतर्क रहना होगा’

भाषा

• 03:35 AM • 29 Aug 2023

UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर आगामी पर्वों एवं त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की…

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UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को लखनऊ में अपने सरकारी आवास पर आगामी पर्वों एवं त्योहारों के दृष्टिगत सुदृढ़ कानून-व्यवस्था व श्रद्धालुओं की सुविधाओं के संबंध में की जा रही तैयारियों की वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से समीक्षा की. इस दौरान शासन स्तर के वरिष्ठ अधिकारी के साथ पुलिस कमिश्नर, मण्डलायुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे. इस दौरान सीएम योगी ने कहा, “त्योहारों का यह समय कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत अति संवेदनशील है, अतः हमें सतत सतर्क और सावधान रहना होगा.”

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एक सरकारी बयान के मुताबिक मुख्यमंत्री ने कहा, “त्योहारों का यह समय कानून-व्यवस्था के दृष्टिगत अति संवेदनशील है. अतः हमें सतत सतर्क और सावधान रहना होगा. हर पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय आवश्यकताओं को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं. छोटी सी घटना लापरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती है. ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है.”

उन्होंने कहा कि छह व सात सितम्बर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व है, तो वहीं सात सितम्बर को चेहल्लुम का जुलूस भी निकाला जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर ‘टीम वर्क’, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-त्योहार शांति और सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं. ‘टीमवर्क’ और जन सहयोग का यह क्रम सतत जारी रखा जाए.

सीएम ने कहा, “30-31 अगस्त 2023 को रक्षाबंधन का पवित्र पर्व है, इसके दृष्टिगत 29 अगस्त की मध्यरात्रि से 31 अगस्त की मध्यरात्रि तक परिवहन विभाग तथा नगर बस सेवा माताओं-बहनों के लिए निःशुल्क बस की सुविधा उपलब्ध कराए.” उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि चालक या सहचालक नशे में न हों और बसों की हालत अच्छी हो.

बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर प्रदेश में 1256 शोभा यात्राएं निकाली जाएंगी,वहीं चेहल्लुम पर 3005 जुलूस निकले जाएंगे. इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि आयोजकों और धर्मगुरुओं से पहले ही संवाद कर लिया जाए. अलग-अलग समय पर शोभा यात्राएं और जुलूस निकाले जाएं और इस दौरान हथियारों का प्रदर्शन न होने पाए.

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