Dhanteras Muhrat: हिंदू धर्म में धनतेरस का बड़ा खास महत्व है. धनतेरस कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की तेरहवी तिथि को मनाया जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य डॉ. अनूप कुमार जायसवाल के अनुसार, इस बार धनतेरस 23 अक्टूबर, रविवार को मनाया जाएगा. आपको बता दें कि धनतेरस के साथ ही दीपावली उत्सव की शुरुआत हो जाती है. मान्यता है इस दिन बर्तन खरीदने से धन और समृद्धि आती है. धनतेरस पर लक्ष्मी जी की पूजा के साथ ही भगवान धन्वंतरी और कुबेर की पूजा भी करनी चाहिए.
ADVERTISEMENT
क्या है धनतेरस 2022 पूजा का शुभ मुहूर्त?
काशी के ज्योतिषाचार्य डॉ. अनूप कुमार जायसवाल ने बताया,
“इस बार धनतेरस के पर्व पर आप शाम को 5 बजकर 43 मिनट से रात को 8 बजकर 17 मिनट के बीच में अपने घर में पूजा सम्पन करें. गृहस्थ जीवन वालों के लिए यह समय इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी काल में हमें प्रदोष काल भी मिल रहा है. प्रदोष काल एक बहुत ही शुभ काल माना जाता है. इस काल में लक्ष्मी जी से जो मन्नत मांगी जाती है, उसके पूरे होने की संभावना रहती है.”
डॉ. अनूप कुमार जायसवाल
क्या है धनतेरस का महत्व?
ज्योतिषाचार्य डॉ. अनूप कुमार जायसवाल ने बताया, “धनतेरस गृहस्थ जीवन वालों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार माना जाता है. अगर आप धनतेरस के अवसर पर अपने घर पर पूजा करते हैं, लक्ष्मी जी की स्थापना करते हैं, कुबेर की स्थापना करते हैं तो आपके घर में कभी भी धन संपदा की कमी नहीं होगी. क्योंकि धनतेरस को भगवान कुबेर की पूजा का भी दिन माना जाता है.”
बकौल डॉ. अनूप, कुबेर की कृपा से जो धन आता है वो स्थाई होता, इसलिए इसलिए दिन कुबेर की पूजा का एक अहम महत्त्व है. डॉ. अनूप बताते हैं कि कुबेर की कृपा लेने का सबसे अच्छा दिन धनतेरस का माना जाता है.
यह है इस पर्व की मान्यता
मान्यता है कि इस दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति के जनक धन्वंतरि देव समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. ऐसा कहा जाता है कि तभी से धनतेरस मनाया जाने लगा. साथ ही इस दिन धन के देवता कुबेर की पूजा भी की जाती है. धनतेरस के दिन पीतल, चांदी, स्टील के बर्तन को खरीदना शुभ माना जाता है.
देव दीपावली पर जगमगा उठी महादेव की काशी, जानें इस पर्व को मनाने की क्या है पौराणिक कहानी?
ADVERTISEMENT