हाथरस: भोले बाबा के सत्संग की भगदड़ में 121 मरे, FIR से क्या कहानी निकल कर सामने आई?

यूपी तक

03 Jul 2024 (अपडेटेड: 03 Jul 2024, 08:45 AM)

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई. इस दौरान हुए हादसे में दम घुटने और कुचले जाने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.

हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ में 116 लोगों की मौत.

Hathras Stampede

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Hathras Bhole Baba Satsang Stampede FIR Copy: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को भगदड़ मच गई. इस दौरान हुए हादसे में दम घुटने और कुचले जाने से 121 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए. भगदड़ उस समय हुई जब लोग जिले के पुलराई गांव में प्रवचनकर्ता बाबा नारायण हरि द्वारा आयोजित ‘सत्संग’ के बाद घर लौट रहे थे। बाबा नारायण हरि को उनके अनुयायी साकार विश्व हरि भोलेबाबा के नाम से भी जानते है. वहीं, इस हादसे को लेकर FIR दर्ज हो गई है. खबर में आगे जानिए FIR कॉपी से कौनसी प्रमुख बातें निकलकर सामने आई हैं.

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आपको बता दें कि हाथरस में हुए इस हादसे को लेकर चौकी इंचार्ज पोरा बृजेश पांडे की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई है. मालूम हो कि सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर और अन्य अज्ञात सेवादारों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है.

FIR से क्या पता चला?

FIR के अनुसार, फुलरई मुगलगढ़ी के बीच जीटी रोड के पास जगत गुरु साकार उर्फ भोले बाबा के सत्संग का आयोजन देवप्रकाश मधुकर और अन्य लोगों ने कराया था. आयोजनकर्ताओं ने लाखों की भीड़ की स्थिति को छिपाते हुए इस कार्यक्रम में करीब 80000 की भीड़ (श्रृद्धालू) इकट्ठा होने की अनुमति मांगी थी. मगर मौके पर लगभग ढाई लाख से ज्यादा श्रृद्धालुओं की भीड़ जमा हो गई.

FIR में बताया गया है कि ड्यूटी पर नियुक्त पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा भीड़ को सामान्य किए जाने का प्रयास किया जा रहा था कि कार्यक्रम के मुख्य प्रवचनकर्ता सूरजपाल उर्फ भोले बाबा के प्रवचन के बाद गाड़ी में सवार होकर कार्यक्रम स्थल से निकलते समय दोपहर करीब 2 बजे श्रृद्धालुजन महिला, पुरुष और बच्चों द्वारा उनकी गाड़ी के गुजरने के मार्ग से धूल समेटना शुरु कर दिया. कार्यक्रम स्थल से निकल रही लाखों श्रृद्धालुओं की बेतहाशा भीड़ के दबाव के कारण नीचे बैठे, झुके भक्त दबने-कुचलने लगे, जिससे चीखपुकार मच गई. 

 

 

इसके बाद जीटी रोड के दूसरी ओर लगभग तीन मीटर गहरे खेतों में भरे पानी और कीचड़ में भागती भीड़ को आयोजन समिति और सेवादारों द्वारा अपने हाथों में लिए झंडों से जबरदस्ती रोक दिया गया, जिसके कारण लाखों व्यक्तियों की भीड़ का दबाव बढ़ता चला गया और महिला, बच्चे एवं पुरुष दबते कुचलते चले गए. भगदड में लगी चोटों से महिलाओं, बच्चों व पुरुषों की स्थति मरणासन्न हो गई. 

इस घटना के कारण अनेक लोग घायल हो गए, जिनमें से कई लोगों की मौत हो गई. घायलों को हाथरस, अलीगढ़, एटा आदि के अस्पतालों में उपचार के लिए भिजवाया गया. FIR के अनुसार, साथ ही कार्यक्रम स्थल पर यातायात नियंत्रण के लिए आयोजक द्वारा अनुमति की शर्तों का पालन नहीं किया गया. घटना में घायल हुए व्यक्तियों के मौके पर छूटे सामान, कपड़े, जूते, चप्पल को उठाकर पास के खेत में फेंककर साक्ष्य छिपाया गया. 
 

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