‘मंजिल उन्हीं को मिलती है, जिनके सपनों में जान होती है, पंख से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है’…ये पंक्तियां यूपी ने इस खिलाड़ी पर सटीक बैठती हैं, जिसने सभी कठिनाइयों को पीछे छोड़ आज एक नया मुकाम हासिल किया है. हम बात कर रहे हैं यशस्वी जायसवाल (Yashasvi Jaiswal) की. उत्तर प्रदेश के भदोही के रहने वाले यशस्वी जायसवाल ने डेब्यू टेस्ट में वेस्टइंडीज के खिलाफ उसी के घर में शतक जड़कर अपना नाम रिकॉर्ड बुक में दर्ज कराया और उनकी बैंटिग का मुरीद पूरा देश हो गया.
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डेब्यू टेस्ट में ही बना दिया रिकॉर्ड
डोमिनिका में खेले जा रहे पहले टेस्ट की बात करें, तो दूसरे दिन का खेल खत्म होने पर भारतीय टीम ने पहली पारी में 2 विकेट पर 312 रन बना लिए थे. यशस्वी 143 तो विराट कोहली 36 रन बनाकर खेल रहे हैं. मैच में कप्तान रोहित शर्मा ने भी 103 रन की शतकीय पारी खेली. रोहित और यशस्वी ने पहले विकेट के लिए 229 रन की बड़ी साझेदारी भी की. यशस्वी अब तक 6 से अधिक रिकॉर्ड अपने नाम कर चुके हैं.
मुंबई के यशस्वी जायसवाल ने पिछले साल दलीप ट्रॉफी में डेब्यू करते हुए दोहरा शतक ठोका था. फिर 2022 में ही इंडिया-ए की ओर से डेब्यू करते हुए शतकीय पारी खेली. 2023 में ईरानी ट्रॉफी के अपने पहले मैच में शतक और दोहरा शतक लगाया था. अब टेस्ट डेब्यू में शतक. वे चारों बड़े टूर्नामेंट के अपने पहले मैच में शतकीय पारी खेलने वाले पहले भारतीय हैं. यशस्वी भारत की ओर से अंडर-19 वर्ल्ड कप का खिताब तक जीत चुके हैं.
IPL 2023 में दिखा जलवा
बता दें कि IPL 2023 में यश्स्वी जायसवाल का सफर शानदार रहा है. वह 14 मैचों में 163 की स्ट्राइक रेट से 625 रन बना चुके हैं. जायसवाल ने अपने आईपीएल करियर का अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन करते हुए 14 पारियों में 48.08 के औसत से 625 रन बनाने में सफल रहे. इसमें 5 अर्धशतक के साथ 1 शतकीय पारी भी शामिल है. ईपीएल के एक सीजन में किसी अनकैप्ड खिलाड़ी के तौर पर सर्वाधिक रन बनाने का रिकॉर्ड अब यशस्वी जायसवाल के नाम दर्ज हो गया है. IPL 2023 में वह एक खतरनाक बैटर के रूप में उभरकर सामने आए हैं, जिनसे अब गेंदबाज खौफ खाने लगे हैं. अपनी बल्लेबाजी से मैच को आसान बनाने वाले यशस्वी जायसवाल की कहानी इतनी आसान नहीं रही है.
संघर्ष से भरी है कहानी
उत्तर प्रदेश के भदोही गांव में एक मामूली परिवार में पैदा हुए जायसवाल क्रिकेटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए मुंबई चले गए थे. यशस्वी जायसवाल के कोच ज्वाला सिंह ने हमारे सहयोगी चैनल आजतक से खास बातचीत में उनकी जिंदगी से जुड़े उन तमाम पहलूओं को सामने रखा था जिसे और कोई नहीं जानता. कोच ज्वाला सिंह ने बताया था कि, ‘मुंबई के आजाद मैदान पर उनकी नजर यशस्वी जायसवाल पर पड़ी थी, जो उनकी तरह क्रिकेट खेलेने मुंबई आया था. जब वह 2012 में क्रिकेट का सपना संजोए अपने चाचा के पास मुंबई पहुंचा, तो वह महज 11 साल का था.’
गोलगप्पे बेचने से लेकर टेंट में रहने तक
जानकारी के मुताबिक चाचा के पास इतना बड़ा घर नहीं था कि यशस्वी को भी उसमें रख सके. यशस्वी एक डेयरी दुकान में अपनी रातें गुजारता था. दो वक्त के खाने के लिए फूड वेंडर के यहां काम करना शुरू कर दिया. रात में पानी पूरी (गोलगप्पे) बेचा करता था. यशस्वी अपने ट्रैनिंग के दौरान टेंट में रहते थे. वहीं यशस्वी को जब 2020 में अंडर-19 क्रिकेट वर्ल्ड कप खेलने का मौका मिला तो पूरी दुनिया ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना. यशस्वी ने अंडर-19 वर्ल्ड कप 2020 में 400 रन बनाए थे, जिसमें एक शतक और 4 अर्धशतक शामिल थे.
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