एक स्वतंत्र पत्रकार को खुद को योगी आदित्यनाथ के रूप में पेश करने और 2016 में सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को फर्जी पत्र भेजकर अपने समाचार पत्र के लिए विज्ञापन हासिल करने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.
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उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री आदित्यनाथ तब गोरखपुर सीट से लोकसभा सदस्य थे. पुलिस ने बताया कि 41 वर्षीय आरोपी मनोज कुमार सेठ को दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की ‘इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई’ ने ओडिशा स्थित उसके मूल शहर भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया.
योगी आदित्यनाथ के निजी सचिव राजभूषण सिंह रावत ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराकर आरोप लगाया था कि कुछ अज्ञात लोगों ने बीजेपी नेता के नाम पर एक फर्जी ईमेल आईडी बनाई थी.
रावत के अनुसार आरोपी ने पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया, ओएनजीसी और गेल इंडिया जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को ईमेल और जाली पत्र भेजे थे. आरोपी ने योगी आदित्यनाथ के जाली हस्ताक्षर वाले स्कैन किए गए पत्र भी संलग्न किए.
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस मल्होत्रा ने कहा कि जांच के दौरान फर्जी ईमेल आईडी योगीआदित्यनाथडॉटएमपीऐटजीमेलडॉटकॉम की का पता चला तो इसके पीछे की मंशा को समझने के लिए इसकी सामग्री का विश्लेषण किया गया.
मल्होत्रा ने बताया कि कथित ईमेल में एक अंग्रेजी अखबार के पक्ष में विज्ञापन जारी करने का अनुरोध था. उन्होंने कहा कि इसी तरह के फर्जी ईमेल और फर्जी पत्र ओएनजीसी और गेल को दूसरे अखबार के पक्ष में विज्ञापन देने के लिए भेजे गए थे.
मल्होत्रा ने बताया कि आईपी पते के विश्लेषण और खुफिया जानकारी के माध्यम से आरोपी की पहचान मनोज कुमार सेठ के रूप में हुई. पुलिस ने कहा कि सेठ की योजना सफल नहीं हुई, लेकिन वह जांचकर्ताओं से बचने के लिए लगातार अपने ठिकाने बदल रहा था.
हालांकि, उसके संभावित ठिकानों पर कई छापे मारे गए, लेकिन वह हर बार पुलिस को चकमा देने में कामयाब रहा. पुलिस ने कहा कि इसके बाद उसे पकड़ने के लिए एसीपी रमन के नेतृत्व में एक समर्पित टीम गठित की गई थी, जिसने उसे शुक्रवार को पकड़ लिया.
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