समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ललितपुर जिले में सामूहिक बलात्कार की शिकार 13 साल की किशोरी के परिजनों से मुलाकात की और परिवार की समुचित सुरक्षा और सहायता की मांग की.
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उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव बुधवार को पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे. परिवार से मुलाकात के बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश के पुलिस थाने तानाशाही के केंद्र बन गए हैं. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी जरूरत पड़ने पर पीड़ित परिवार की कानूनी मदद भी करेगी.
उल्लेखनीय है कि पाली कस्बे की 13 साल की एक किशोरी को कथित तौर पर चार युवक बहला-फुसलाकर भोपाल ले गए थे, उसके साथ तीन दिन तक सामूहिक बलात्कार करने के बाद थाने के पास छोड़कर फरार हो गए थे.
आरोप है कि प्रभारी निरीक्षक तिलकधारी सरोज ने लड़की को उसकी मौसी को सौंप दिया, लेकिन बयान दर्ज कराने के बहाने पीड़िता को फिर थाने बुलवाया और थाना परिसर में उसके साथ निरीक्षक ने भी कथित रूप से बलात्कार किया.
यादव ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ‘मैंने बलात्कार पीड़िता की मां से मुलाकात की. परिवार कह रहा है कि वह सुरक्षा कानूनी सहायता और दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई चाहता है. समाजवादी पार्टी इस मुद्दे को सदन में उठाएगी.’
उन्होंने कहा, ‘‘परिवार को सरकार की मदद की जरूरत है, उसे सुरक्षा भी चाहिए. वरना वह न्याय की लड़ाई नहीं लड़ सकेगा. अगर जरूरत पड़ी तो समाजवादी पार्टी उसकी कानूनी और वित्तीय मदद करेगी.’’
सूत्रों के मुताबिक, पूर्व मुख्यमंत्री को बलात्कार पीड़िता के परिजन से मिलने के लिए अस्पताल में दाखिल होने से पुलिस ने कथित तौर पर रोकने की कोशिश की.
यादव ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर आरोप लगाते हुए कहा, ‘मुख्यमंत्री ने अपने घर की दीवारें इतनी मोटी बना रखी है कि लोगों की समस्याएं और उनकी चीजें उन तक नहीं पहुंच पाती.’
उन्होंने प्रदेश पुलिस की भूमिका की आलोचना करते हुए कहा, ‘पुलिस थाने तानाशाही के केंद्र बन चुके हैं. क्या इन पुलिस थानों पर भी बुलडोजर चलेगा. आखिर उस पुलिस से क्या उम्मीद की जाएगी जिसका इस्तेमाल चुनाव जीतने के लिए किया जाता है. चाहे वह पंचायत चुनाव हो या फिर हाल ही में विधान परिषद का चुनाव रहा हो.’’
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