माफिया मुख्तार के दो चेहरे! कभी मांगता है जान की भीख तो कभी दे देता है मूछों पर ताव

यूपी तक

21 Dec 2023 (अपडेटेड: 21 Dec 2023, 09:20 AM)

जब कभी भी उत्तर प्रदेश में माफियाओं की लिस्ट बनाई जाएगी तो वह मुख्तार अंसारी के नाम के बिना अधूरी रहेगी. एक समय ऐसा था जब पूर्वी यूपी में मुख्तार का जलवा हुआ करता.

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Mukhtar Ansari News: जब कभी भी उत्तर प्रदेश में माफियाओं की लिस्ट बनाई जाएगी तो वह मुख्तार अंसारी के नाम के बिना अधूरी रहेगी. एक समय ऐसा था जब पूर्वी यूपी में मुख्तार का जलवा हुआ करता. उसके एक इशारे पर कानून व्यवस्था इधर से उधर हो जाती थी. मगर बीते कुछ सालों से मुख्तार का ‘साम्राज्य’ हिल गया है. उसका परिवार तितर-बितर हो गया है. वो खुद बांदा जेल में बंद है. पिछले कई बार से मुख्तार सुनवाई के दौरान अपनी जान की भीख मांगता हुआ नजर आया है. उसने कई बार आशंका जताते हुए कहा कि उसकी हत्या करवाई जा सकती है. ऐसे में संदेश यही गया कि माफिया डरा हुआ है. मगर बुधवार को कुछ अलग ही नजारा सामने आया. बता दें कि बाराबंकी की कोर्ट में मुख्तार की वर्चुअल रूप से पेशी हुई. इस दौरान वह ठहाके मार-मार के हंसा और मूछों पर ताव भी देने लगा. खबर में आगे जानिए ऐसा क्या हुआ जिससे मुख्तार इतना खुश हो गया?

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हुआ यूं कि बाराबंकी में माफिया मुख्तार अंसारी की फर्जी एंबुलेंस मामले में बांदा जेल से वर्चुअल पेशी हुई. एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर 4 में जज कमलकांत श्रीवास्तव के यहां सरकार बनाम मुख्तार अंसारी मामले में माफिया पेश हुआ. इसमें अभियोजन पक्ष के सरकारी गवाह और जमानत पर रिहा दारोगा बृजेश सिंह की गवाही हुई. इस दौरान मुख्तार अंसारी के वकील रणधीर सिंह सुमन ने क्रॉस सवाल करने शुरू किए तो अभियोजन पक्ष के गवाह बृजेश सिंह के पसीने छूट गए. इस कार्यवाही को देख रहा डॉन मुख्तार अंसारी अपनी मूछों पर ताव देता हुआ ठहाके मार कर हंसने लगा.

क्या है ये फर्जी एंबुलेंस मामला?

आपको बता दें कि माफिया मुख्तार अंसारी पंजाब में जिस एंबुलेंस का इस्तेमाल पेशी और जेल जाने के लिए करता था, उसका पंजीकरण बाराबंकी में कथित रूप से फर्जी पते पर संभागीय विभाग से कराया गया था. इस मामले में 2022 में नगर कोतवाली में मुख्तार अंसारी समेत 12 लोगों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. वैसे मुख्तार कई बार कोर्ट में अपने आप को बेगुनाह बता चुका है. उसका कहना है कि ‘जब मैं 18 साल से जेल में बंद हूं तो गैंग कैसे बनाकर चला सकता हूं?’ मगर केस के जल्दी ट्रायल से माफिया मुख्तार घबराया हुआ भी है.

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