उत्तर प्रदेश के महराजगंज जिले के एआरटीओ कार्यालय में बुधवार को कुछ ऐसा हुआ जिसे, जिसने भी सुना, वह द्रवित हो गया और एआरटीओ की प्रशंसा करने लगा. एआरटीओ का आरसी भारतीय का मानवीय चेहरा सामने आया है.
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संभागीय परिवहन अधिकारी ने मां का मंगलसूत्र बेचकर चालान जमा करने आये युवक की सच्चाई जान दंग रह गए और अपनी सैलरी से उस युवक की गाड़ी पर लगाये गए 24,500 रुपये के जुर्माने को भर दिया.
दरअसल, आर्थिक रूप से कमजोर युवक के ऑटो चालक पिता का 24,500 रुपये का चालान कट गया था. मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी युवक के पास रुपये कम पड़ रहे थे.
यह बात एआरटीओ आरसी भारतीय को जब पता चली, तो उन्होंने चालान की रकम स्वयं अपने सैलरी से भर दी. और पढ़ाई छोड़ चुके युवक को पढ़ाने की पेशकश भी की.
एआरटीओ कार्यालय में सिंहपुर ताल्ही गांव के विजय पहुंचे, तो उन्हें परेशान देख एआरटीओ ने पास बुलाकर परेशानी का कारण पूछा. पूछने पर विजय ने बताया कि पिता राजकुमार ऑटो चलाते हैं. उन्हें एक आंख से दिखता भी कम है. 24,500 रुपये ऑटो के चालान जमा करने हैं. मां का मंगलसूत्र बेचने के बाद भी केवल 13 हजार रुपये ही इकट्ठा हो सके हैं. परिवार में छह बहने हैं. पूरी कहानी सुनने के बाद एआरटीओ ने चालान की पूरी रकम स्वयं जमा करने के साथ ही टेंपो का इंश्योरेंस भी कराया.
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