Kanwar Yatra: कावड़ यात्रा रूट में नेमप्लेट का विवाद इस समय सुर्खियों बना हुआ है. हालांकि इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कांवड़ यात्रा मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों पर मालिकों के नाम डिस्प्ले करने के सरकार के निर्देश पर अंतरिम रोक लगा दी. इस बीच हमारे रिपोर्टर आशुतोष मिश्रा की मुलाकात दो ऐसे दोस्त (हर्ष और मोहम्मद सलमान) से हुई जो जल लेकर कावड़ यात्रा पर निकले थे. इसके साथ ही हमारी मुलाकात सलीम भाई से भी हुई जो कावड़ यात्रियों को शुद्ध बिना प्याज लहसुन का खाना खिलाने का काम करते हैं.
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बिना प्याज लहसुन का खाना बनाते हैं सलीम
कावड़ यात्रा-नेमप्लेट विवाद के बीच दिल्ली हरिद्वार रोड पर यूपी तक के रिपोर्टर आशुतोष मिश्रा की मुलाकात सलीम भाई से हुई. सलीम कावड़ यात्रियों के लिए अपने ढाबे में बिना प्याज लहसुन से बना खाना बनाकर खिलाते हैं. सलीम का कहना है कि वह यह काम व्यापार के लिए नहीं बल्कि आस्था के लिए करते हैं. सलीम भाई ने बताया कि वह बाकी दिनों में हलवाई का काम करते हैं. लेकिन सावन महीने में वह सिर्फ कावड़ यात्रियों के लिए खाना बनाने का काम करते हैं. सलीम का कहना है कि वह जितनी इज्जत अपने धर्म की करते हैं उतनी ही दूसरे धर्म की भी करते हैं. सलीम के ढ़ाबे पर बैठे कावड़ यात्रियों ने बताया कि उन्हें इससे फर्क नहीं पड़ता है कि वह किसी मुस्लिम के यहां कुछ खा रहे हैं. लोगों का कहना था कि ऐसा करने से उनकी पूजा या कावड़ खंडित नहीं होती है.
सलीम भाई से बातचीत के दौरान दो ऐसे दोस्त (हर्ष और मोहम्मद सलमान) भी मिले जो कावड़ लेकर एक साथ निकले हैं. सलमान ने बताया कि वह खुद अपनी श्रद्धा से कावड़ लेकर निकले हैं. ऐसा करने से उनके परिवार के लोगों ने भी उन्हें नहीं रोका. वहीं हर्ष का कहना था कि हम दोनों अलग धर्म के होकर भी एक जैसे हैं. दोनों के बीच ऐसी अनोखी दोस्ती हर तरफ सुर्खियों में बनी हुई है.
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