गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में मनोज राय हत्याकांड में माफिया मुख्तार अंसारी की गुरुवार को पेशी हुई. मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी जफर और चंद आदि की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जरिए पेशी हुई. इस दौरान वकील उपस्थित रहे.
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मनोज राय हत्याकांड में पिता शैलेंद्र राय ने मोहम्दाबाद कोतवाली में एक अपराधिक मुकदमा संख्या 23/2023 दर्ज कराया है, जिसमें 9 महीने से हत्या के चार्ज में सुनवाई चल रही थी.
इस मामले में गुरुवार को अपर सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए कोर्ट) जज अरविंद मिश्र ने आईपीसी की धारा-227 के तहत सुनवाई पूरी कर आगामी 10 जनवरी को फैसले की तारीख लगाया है.
इस मामले में मुख्तार अंसारी के वकील लियाकत अली ने कोर्ट की इस कार्रवाई से असहमति जताते हुए बताया कि बीते साल 2001 में उसरी चट्टी कांड में गोली चलाए थे, जिनकी गोली से तत्कालीन विधायक की गाड़ी छलनी हो गई थी. उसकी गोली से मुख्तार अंसारी का सरकारी गनर और एक अन्य की गोली लगने से मौत हो गई. ये मनोज राय जो उस वक्त अज्ञात था, उसकी गनर की गोली से मौत हो गई थी.
इस पूरे प्रकरण में मुख्तार अंसारी का तत्कालीन ड्राइवर रमेश राम उसरी चट्टी कांड, जो बृजेश सिंह और त्रिभुवन सिंह के खिलाफ मुख्तार अंसारी द्वारा दर्ज कराया है, उसमें कोर्ट में गवाही दे चुका है.
वहीं, पता चला है कि इस बनावटी केस में जो 23 साल बाद लिखा गया है उसमें पुलिस के दबाव में पलट गया है. इसी केस में चार्ज फ्रेम करने के बाबत सुनवाई कोर्ट द्वारा पूरी करके आगामी 10 तारीख को चार्ज फ्रेम करने के लिए आदेश में फाइल लगा दिया है.
वहीं, इस कार्रवाई की पुष्टि एडीजीसी नीरज श्रीवास्तव ने भी की और बताया कि बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी जरिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और उनके सहयोगी चंदा और अन्य जरिए वकील कोर्ट में उपस्थित थे. मुख्तार अंसारी ने जज के सामने अपना पक्ष रखा और कोर्ट से अपने को बेगुनाह बताया. जज साहब ने चार्ज फ्रेम करने के लिए आगामी 10 जारी तिथि नीयत की है.
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