सावन के महीने में मनाए जाने वाला नाग पंचमी का त्योहार कल यानी 9 अगस्त को मनाया जाएगा. मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से पूजा करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं. इस दिन नाग देवता का अभिषेक करने से मनचाहे फल की भी प्राप्ति होती है. बता दें कि नाग पंचमी की शुरूआत 8-9 अगस्त की दरम्यानी रात को 12 बजकर 37 मिनट से हो जाएगी. वहीं, 10 अगस्त को सुबह 3 बजकर 15 मिनट इसकी समाप्ति होगी. कैलख वैदिक संस्थान ट्रस्ट के प्रधान महंत रोहित शास्त्री के अनुसार पंचमी के दिन शुद्ध मिट्टी के नाग को बनाकर इनकी पूजा करनी चाहिए. इसके साथ ही ‘ॐ कुरुकुल्ये हुं फट् स्वाहा’ श्लोक का उच्चारण करने से सर्प दोष खत्म हो जाता है.
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महंत रोहित शास्त्री के अनुसार नाग पंचमी का त्योहार नाग देवता का त्योहार होता है. इस दिन पारंपरिक रूप से नाग देवता की पूजा करते हैं और परिवार के कल्याण की कामना की जाती है. इस दिन नाग देवता के दर्शन करने की भी मान्यता है. इसके बाद पूजा के लिए घर की एक दीवार पर गेरू, जोकि एक विशेष पत्थर है, उससे लेप कर यह हिस्सा शुद्ध किया जाता है. यह दीवार कई लोगों के घर की प्रवेश द्वार पर होती है तो कई के रसोई घर की. इस छोटे से भाग पर कोयले एवं घी से बने काजल की तरह के लेप से एक चौकोर डिब्बा बनाया जाता है. इस डिब्बे के अन्दर छोटे-छोटे सर्प बनाकर पूजा की जाती है.
महंत रोहित शास्त्री के अनुसार, नाग पंचमी के दिन ब्राम्हणों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की मदद करनी चाहिए. पंचमी के दिन भूमि को नहीं खोदना चाहिए. अगर कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक ना हो तो इस दिन नागदेवता की विशेष पूजा कर लाभ पाया जा सकता है. इस दिन संतान प्राप्ति के लिए पूजा करना फलदायी माना जाता है. पंचमी के दिन नाग नागिन के जोड़े को सपेरों से मुक्त कराना चाहिए और गायों को चारा डालते वक्त 'ऊं नागेंद्रहाराय नम:' का जाप करें.
नाग पंचमी पर नाग पूजन मंत्र
ॐ भुजंगेशाय विद्महे,सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
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