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ये निगोड़ी राजनीति भी क्या बला है जिसके सिर चढ़ जाय क्या न करा दे!
दरअसल, नगर निगम चुनाव के लिए वॉर्ड आरक्षण की सूची 1 दिसंबर को आई.
इसी दिन स्वर्गद्वार निवासी महेंद्र शुक्ला को पता चला कि उनके वॉर्ड की सीट तो महिला आरक्षित हो गई है.
बस फिर क्या था उसी दिन उन्होंने आवेदन किया और अगले दिन यानी 2 दिसंबर को उन्होंने कोर्ट मैरिज कर ली.
बकौल महेंद्र, “सगाई पहले ही तय हो गई थी. फरवरी में शादी का मुहूर्त था, लेकिन सीट अचानक महिला आरक्षित हो गई तो कैसे मुहूर्त का इंतजार करता?”
उन्होंने कहा, “कोर्ट में की गई शादी सबसे अच्छी शादी होती है. अब शादी हो गई है तो पत्नी पार्षद का चुनाव लड़ेंगी.”
महेंद्र ने कहा, “चुनाव के बाद जब मेरी पत्नी जीतकर पार्षद बन जाएगी, तो यह मेरी तरफ से उसे शादी का तोहफा होगा.”
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