Bahraich Violence : उत्तर प्रदेश का बहराइच जिला 13 अक्टूबर की शाम को हुई हिंसा की घटना के कारण सुर्खियों में है. बहराइच के महराजगंज कस्बा में हाल ही में हुए दंगे और हिंसा की घटनाओं ने पूरे क्षेत्र को हिला कर रख दिया है. दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान रामगोपाल मिश्रा की हत्या हुई थी. रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या करने वालों आरोपियों की तस्वीर 'यूपीतक' के पास मौजूद है. सबसे पहले, अब्दुल हामिद की तस्वीर सामने आई है, जो इस हिंसा के मास्टरमाइंड के रूप में पहचान बना चुका है. हामिद, जिसका नाम रामगोपाल की हत्या में आया, उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
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आरोपियों की तस्वीर आई सामने
दूसरी तस्वीर अब्दुल हामिद के बेटे सरफराज उर्फ रिंकू की है. आरोप है कि इसी ने पिता की बंदूक से गोली चलाई थी, जिसकी वजह से रामगोपाल मिश्रा की मौत हुई. पुलिस एनकाउंटर में सरफराज के पैर में गोली लगी थी. उसे भी गिरफ्तार किया जा चुका है. वहीं, तीसरी तस्वीर एनकाउंटर के बाद पकड़ा गए तालिब उर्फ सबलू की है. तालिब भी अब्दुल हामिद का बेटा है. एनकाउंटर में उसके पैर में भी गोली लगी थी. जबकि, चौथी तस्वीर हत्याकांड के तीसरे नामजद आरोपी फहीम की है. जिसे पुलिस ने बीते गुरुवार को 4 अन्य आरोपियों के साथ गिरफ्तार किया था.
गाने को लेकर हुआ था विवाद
जानकारी के मुताबिक मूर्ति विसर्जन वाले दिन ( 13 अक्टूबर) सरफराज से ही गाना (डीजे) बंद करने को लेकर विवाद हुआ था. देखते ही देखते ये विवाद इतना बढ़ा कि डीजे पर पत्थरबाजी हो होने लगी और हालात आउट ऑफ कंट्रोल हो गए. गोलीबारी में रामगोपाल की मौत के बाद तो भीड़ और उग्र हो गई और तोड़फोड़-आगजनी का दौर शुरू हो गया.
रामगोपाल की हुई थी मौत
बता दें कि बहराइच के थाना हरदी क्षेत्र के रेहुआ मंसूर गांव निवासी रामगोपाल मिश्रा दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए निकले जुलूस में शामिल था. ये जुलूस जब महराजगंज बाजार में समुदाय विशेष के मोहल्ले से गुजर रहा था तो दो पक्षों में कहासुनी हो गई. आरोप है कि इस दौरान छतों से पत्थर फेंके जाने लगे, जिससे विसर्जन में भगदड़ मच गई. इस दौरान रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. रामगोपाल की मौत की खबर के बाद महराजगंज कस्बे में बवाल शुरू हो गया. आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के घर समेत कई वाहनों में तोड़फोड़ की और उसमें आग लगी दी.
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