राष्ट्रपति चुनाव को लेकर गुरुवार को लखनऊ में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी समेत सहयोगी दल के विधायकों की बैठक हुई. इस बैठक में विपक्ष की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे. हालांकि बैठक में सपा के सहयोगी दल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर नहीं दिखे.
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प्रेस कान्फ्रेंस में जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि ओम प्रकाश राजभर बोल रहे हैं कि उन्हें नहीं बुलाया गया. इसपर मुस्कुराते हुए अखिलेश यादव ने का कि वे मेरी समस्या हैं. इस बात वहां मौजूद लोग ठहाके लगाकर हंस पड़े. यशवंत सिन्हा को प्रत्याशी चुने जाने पर अखिलेश यादव ने कहा कि इन दिनों देश जिन हालातों से गुजर रहा है. ऐसे हालातों में इनके जैसा प्रत्याशी नहीं है.
अटल जी के साथ काम करके आनंद आता था- सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने भूतपूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के साथ बिताए दिनों को याद किया और कहा- ”अटल जी के साथ काम करने में बहुत आनंद आता था. अटल जी सहमति में विश्वास रखते थे. वे बहुत बड़े डेमोक्रेट थे. ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें उन्होंने आदेश दिया कि विपक्ष के साथ बैठकर बात कर रास्ता निकालो. अटल जी दो तरफा डायलॉग में विश्वास करते थे. आज के नेता को किसी भी प्रजा तांत्रिक संस्थाओं की आवश्यकता नहीं है. कभी कभी बहुत अफसोस होता है कि अटल जी पार्टी कहां से कहां पहुंच गई.”
यशवंत सिन्हा ने कहा- ‘वर्ष 2014 में मैंने स्वयं तय किया कि मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ूंगा. मैं एक ऐसे एज में पहुंचा जहां मुझे लगा कि मैं नहीं कर सकता हूं. कभी राजनाथ सिंह आएंगे तो उनसे पूछ लीजिएगा. राजनाथ सिंह ने फोन कर कहा कि कमेटी चाहती है कि आप चुनाव लड़ लीजिए. मोदी से व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है. मुझे बस दो बातों से दिक्कत है. एक तो उनकी फक्शनिंग और दूसरी नीतियां.’
नोटबंदी याद है? – यशवंत सिन्हा
यशवंत सिन्हा ने कहा- ‘नोटबंदी हुआ था 6 साल पहले. सारा का सारा काला धन सफेद हो गया. सभी करेंसी बैंक में आया और सफेद हो गया. किसी ने पूछा? ये बिगेस्ट स्कैम ऑफ सेंचुरी था.
लखनऊ: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने बताया कि यदि वे चुने गए तो क्या करेंगे?
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