IPS Prabhakar Chaudhary News: रविवार को उत्तर प्रदेश सरकार ने कई आईपीएस अफसरों के तबादले किए. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा बरेली के एसएसपी रहे प्रभाकर चौधरी की रही. दरअसल, कहा जा रहा है कि बरेली में कांवड़ियों पर हुआ लाठीचार्ज प्रभाकर चौधरी के तबादले की वजह बना. मगर दूसरी तरफ आईपीएस प्रभाकर चौधरी अपने तबादले के बाद ट्विटर ट्रेंड का हिस्सा बन गए. दरअसल, प्रभाकर चौधरी जितना अपना कामों को लेकर लोकप्रिय हैं, उतना ही अपने तबादले को लेकर भी. सोशल मीडिया पर चौधरी के पक्ष और विपक्ष में कई बातें कही जा रही हैं. इनमें धड़ा ऐसा है, जो प्रभाकर चौधरी के हुए तबादलों को लेकर अपने-अपने दावे कर रहा है. हालांकि इनकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है.
ADVERTISEMENT
10 साल में कितने हुए ट्रांसफर?
ट्विटर पर लल्लनपोस्ट नामक ट्विटर हेंडल ने ट्वीट कर कहा, “बरेली के SSP प्रभाकर चौधरी का 10 साल की नौकरी में आज हुआ 21वा ट्रांसफर अब लखनऊ PAC में भेजा गया है!”
वहीं, प्रिया सिंह नामक यूजर ने कहा, “तेवर बरकरार रहेगा, जो अब तक नहीं झुका वो आगे क्या झुकेगा. 2010 बैच के IPS ऑफिसर प्रभाकर चौधरी अपनी कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं. तभी तो 11 साल के इनके करियर में इन्हें कुल 32 बार ट्रांसफ़र से नवाज़ा जा चुका है. इरादे बुलंद रहे, लोहा मनवाते रहिए.”
प्रभाकर चौधरी के समर्थन में कहा जा रहा ये सब
राहुल शुक्ला नामक यूजर ने कहा, “बयान में इतनी साफ़गोई…ईमानदारी की क़ीमत तो चुकानी पड़ती है…आसान नहीं है प्रभाकर चौधरी बनना… बाक़ी अफ़सर इसी ट्रांसफ़र पोस्टिंग के डर से “ग़लत” का साथ देते रहते हैं और संविधान की शपथ लेने के बाद भी अनैतिक का साथ देते हैं. सच लिखो-दिखाओ तो पत्रकारों को नोटिस भिजवाते हैं.”
नरगिस बानो नामक यूजर ने कहा, “बरेली में दंगा भड़काने से रोकने वाले SSP प्रभाकर चौधरी का ट्रांसफर कर दिया गया है. हम ऐसे पुलिस अफसर को दिल से सेल्यूट करते हैं. आखिर भारत मे एक ईमानदार पुलिस अफसर को उसकी ईमानदारी की सजा ट्रांसफर के रूप में मिलती ही है. तभी तो योगी जी को वोट मिलेंगे.”
चौधरी के खिलाफ लिखा जा रहा ये सब
विष्णु राघव नामक ट्विटर यूजर ने कहा, “साहब अब सही जगह पहुंच गए,बरेली पुलिस कर्मियों की नाक में दम किये थे SSP प्रभाकर चौधरी,बरेली से हटाकर लखनऊ PAC में भेजा,आज बरेली में पुलिस ने हंगामा कर रहे कांवड़ियों पर लाठीचार्ज भी इन्हीं महोदय के आदेश पर किया था.”
वहीं, विनोद बंसल ने कहा, “एक ओर पू. योगी जी काबड़ियों पर फूल बरसा रहे हैं तो वहीं @bareillypolice उन पर लाठियां..!!
यदि जिहादियों के जिद के आगे पुलिस प्रशासन को समर्पण ही करना है तो @Uppolice तय करे कि कोई मुस्लिम जुलूस भी कभी किसी हिंदू धर्मस्थल के सामने से नहीं जाएगा…दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही हो.”
आखिर क्या हुआ था बरेली में?
मिली जानकारी के अनुसार, कांवड़ जत्थे में शामिल डीजे पर बजाए जा रहे गानों को लेकर पुलिस द्वारा आपत्ति करने से यह पूरा बवाल हुआ. इसके बाद कांवड़ियों पर लाठीचार्ज किया गया. बरेली के एसएसपी रहे चौधरी का दावा था कि अराजकतत्वों ने हवाई फायरिंग की, जिसके चलते लाठीचार्ज करना पड़ा. लाठीचार्ज में कांवड़ियों समेत कुछ महिलाएं भी घायल हुईं. मामले में जब तूल पकड़ा तब शासन ने कड़ा कदम उठाया.
कौन हैं प्रभाकर चौधरी?
यूपी पुलिस की आधिकारिक वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार, मूल रूप से उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर जिले के रहने वाले प्रभाकर चौधरी का 1 जनवरी, 1984 को जन्म हुआ था. वह 2010 बैच के आईपीएस अफसर हैं. प्रभाकर चौधरी ने बीएससी करने के बाद लॉ की पढ़ाई की थी, जिसके बाद उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास की. वह आगरा, बुलंदशहर, बलिया और एसएसपी वाराणसी भी रह चुके हैं.
ADVERTISEMENT