Rampur news: हेट स्पीच के मामले में निचली अदालत के फैसले पर रामपुर की जिला अदालत ने स्टे लगाने से इनकार कर दिया है. आजम खान (Azam Khan) ने हेट स्पीच मामले में दोष सिद्धी पर स्टे के लिए सेशन कोर्ट में आवेदन दिया था. सेशन कोर्ट ने पहले 16 नवंबर को सुनवाई की तारीख दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार को सुनवाई हुई. अदालत ने दोष सिद्धी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है.
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चूंकि हेट स्पीच के मामले में निचली अदालत ने 27 अक्टूबर को आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई थी. 28 अक्टूबर को आजम खान की विधायकी रद्द कर दी गई और रामपुर विधानसभा सीट खाली हो गई. इसके बाद रामपुर विधानसभा सीट पर चुनाव की घोषणा के बाद 10 नवंबर यानी आज नोटिफिकेशन जारी होना था.
मामले में आजम खान की तरफ से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान ही आजम खान ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील की. सेशन कोर्ट ने आजम खान को हेट स्पीच मामले में 16 नवंबर तक अंतरिम जमानत देते हुए सुनवाई की अगली तारीख 16 नवंबर तय की थी.
इधर सुप्रीम कोर्ट ने सेशन को कोर्ट को मामले में 10 नवंबर को ही सुनवाई कर फैसले देने का निर्देश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत में निर्णय आने के बाद उसके मुताबिक निर्वाचन आयोग 11 नवंबर या उसके बाद समुचित नोटिफिकेशन जारी कर सकता है.
सुनवाई के दौरान आजम खान के वकील पी. चिदंबरम ने कहा कि आजम खान को जमानत मिल गई है. अदालत में 16 नवंबर को उनकी दोषसिद्धि की अपील पर सुनवाई होनी है. इस दलील पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम सेशन कोर्ट से कहेंगे कि कल ही दोषसिद्धि पर फैसला कर लें तब तक चुनाव आयोग नोटिफिकेशन पर रोक लगा दे. अगर सेशन कोर्ट दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगाता है तो अगले दिन ही चुनाव आयोग नोटिफिकेशन जारी कर दे.
हालांकि बहस के दौरान अरविंद दातार ने चुनाव आयोग की तरफ से कहा कि संवैधानिक वजहों से निर्वाचन प्रक्रिया को टाला नहीं जा सकता वर्ना पूरी प्रक्रिया गड़बड़ हो जाएगी. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा कि अगर दोष सिद्धि के निर्णय को रोक दिया गया तो अयोग्यता की कार्यवाही भी रद्द हो जाएगी. दातार ने कहा कि अगर दोष सिद्धि को रोककर उनको चुनाव लड़ने दिया जाय, लेकिन जब बाद में कोर्ट में अपील रद्द हो जाए तो?
बहस के दौरान आजम खान के वकील पी चिदंबरम (P. Chidambaram) ने अदालत में कहा कि निचली अदालत के फैसले के बाद अगले ही दिन सीट खाली घोषित कर दी गई और 10 नवंबर को उप चुनाव की प्रक्रिया की तारीख तय कर दी गई, जबकि एक विधायक को सजा 11 अक्टूबर को हुई थी और उसकी सदस्यता कल रद्द की गई.
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