उत्तर प्रदेश के चंदौली में एक आईएएस अफसर अपनी अलग पहचान बना रहे हैं. प्रेम प्रकाश मीणा नामक ये आईएएस अफसर चंदौली जिले के चकिया में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं. इन दिनों मीणा विवादित जमीनों पर सालों से किए गए अवैध कब्जों को खाली कराने और उसे पात्र व्यक्तियों के सुपुर्द कराने को लेकर देश में चर्चा का विषय बने हुए हैं. आपको बता दें कि 2018 बैच के आईएएस अफसर प्रेम प्रकाश मीणा अपना एक यूट्यूब चैनल भी चला रहे हैं, जिसके तकरीबन 30,000 सब्सक्राइबर हो गए हैं. यूट्यूब के माध्यम से प्रेम प्रकाश मीणा आईएएस बनने के टिप्स भी दे रहे हैं. पिछले दिनों हुए हाथरस कांड से चर्चा में आए प्रेम प्रकाश मीणा से यूपी तक ने खास बातचीत की है. आगे जानिए प्रेम प्रकाश मीणा ने क्या-क्या बताया.
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मूल रूप से राजस्थान के अलवर के रहने वाले प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा-दीक्षा चित्तौड़ आर्मी स्कूल में हुई. इसके बाद उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीटेक के बाद एमटेक किया. एमटेक करने के बाद प्रेम प्रकाश मीणा ने तकरीबन 10 साल तक विदेश में अलग-अलग पेट्रोलियम कंपनियों में नौकरी की. 2014 में अचानक प्रेम प्रकाश मीणा का मन बदला और वह भारत वापस आ गए. प्रेम प्रकाश मीणा ने 2015 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया लेकिन आईएएस कैडर उन्हें दूसरी बार में मिला.
हाथरस कांड के बाद चर्चाओं में आए थे मीणा
प्रेम प्रकाश मीणा की पहली पोस्टिंग बस्ती में हुई इसके बाद हाथरस और वर्तमान समय में वह चंदौली में ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के पद पर कार्यरत हैं. हाथरस कांड में प्रेम प्रकाश मीणा उस दौरान काफी चर्चित हुए थे जब कुछ मीडियाकर्मियों के साथ उनकी तीखी नोंकझोंक हुई थी. प्रेम प्रकाश मीणा ने यूपी तक से उस घटना का भी जिक्र किया और बताया कि हालात को देखते हुए जिस तरह के निर्देश मिले थे उस निर्देश के तहत उन्होंने कार्रवाई की. उन्होंने बताया कि वहां पर निर्देश थे कि 5 लोगों को ही अंदर जाने देना है, लिहाजा बाकी लोगों को रोका गया.
न्याय आपके द्वार की पहल के संदर्भ में प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि बस्ती में तैनाती के दौरान उन्होंने देखा कि हजारों मामले पेंडिंग पड़े हैं. इसके बाद उनके मन में ख्याल आया कि लोगों को बेवजह तहसील और ऑफिस के चक्कर कटवाने से बेहतर है कि उनके यहां खुद जाकर उनके मामलों का निस्तारण किया जाए. बस्ती से शुरू की गई यह मुहिम चंदौली में भी जारी है. प्रेम प्रकाश मीणा अब तक डेढ़ हजार से ज्यादा मामलों को निस्तारित कर चुके हैं.
ट्रांसफर और पोस्टिंग पर क्या बोले मीणा?
अवैध कब्जा हटवाने के दौरान आने वाली दिक्कतों के बारे में प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि शासन की मंशा है कि जो भी कार्य हो वह निष्पक्ष रुप से हो. उन्होंने बताया कि दिक्कत तो आती है लेकिन यह उनके कार्य का हिस्सा है. प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि ट्रांसफर और पोस्टिंग तो आपके जॉब का एक हिस्सा है, उसे किसी एक परिपेक्ष में नहीं देखना चाहिए.
इस उद्देश्य के साथ मीणा ने खोला यूट्यूब चैनल
यूट्यूब पर आईएएस की पढ़ाई के टिप्स देने के संदर्भ में प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि जब विदेश की नौकरी छोड़ने के बाद वे कोचिंग के लिए गए तो उन्हें अनुभव हुआ कि ज्यादातर कोचिंग संस्थान सिर्फ पैसा वसूलते हैं और पढ़ाई के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है. तैयारी करने वालों को खुद ही पढ़ाई करनी पड़ती है. ऐसे में उन्होंने इस मुहिम की शुरुआत की और यूट्यूब पर वीडियो अपलोड करना शुरू किया, ताकि उन जरूरतमंद छात्रों को यूपीएससी और पीसीएस से संबंधित जरूरी टिप्स मिल सकें जो कोचिंग संस्थानों की मोटी फीस नहीं जमा कर पाते.
मीणा ने टाइम मैनेजमेंट पर दिया जोर
प्रशासनिक कार्यों के साथ-साथ यूट्यूब के लिए समय निकालने के सवाल पर प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि एक अच्छा प्रशासनिक अधिकारी वही है जो कई कामों को टाइम मैनेजमेंट के साथ कर सके और वह भी ऐसा करते हैं. उन्होंने बताया न्याय आपके द्वार के लिए भी वह समय निकालते हैं और यूट्यूब के लिए भी. प्रेम प्रकाश मीणा ने बताया कि उनकी कोशिश है कि गांव से लेकर शहर तक के अधिक से अधिक युवाओं को अपने यूट्यूब चैनल से जोड़ा जाए ताकि वे लाभ उठा सकें. साथ ही उन्होंने बताया कि न्याय आपके द्वार की भी उनकी मुहिम लगातार चलती रहेगी.
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