उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर योगी सरकार ने किसानों की नाराजगी को दूर करने के लिए तमाम कदम उठाने शुरू किए हैं. इसी क्रम में बुधवार को सरकार की तरफ से एक बड़ा फैसला लिया गया. योगी सरकार ने किसानों द्वारा पराली जलाने के लिए प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर दर्ज 868 केस वापस लेने का ऐलान कर दिया है. पिछले दिनों एक संवाद कार्यक्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इसको लेकर वादा भी किया था.
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यूपी सरकार के अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी की तरफ से सभी मंडलायुक्त, पुलिस आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और सभी पुलिस अधीक्षकों को इस संबंध में पत्र जारी कर दिया गया है. सरकार ने इसे शीर्ष प्राथमिकता में शामिल कदम बताते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार लगातार किसानों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है. इस पत्र में कहा गया है कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पराली जलाने को लेकर किसानों पर दर्ज किए गए 868 मामले तुरंत निस्तारित किए जाएं.
इस बाबत शासन ने एक सप्ताह के अंदर सक्षम अधिकारियों से जवाब भी मांगा है. आपको बता दें कि नए कृषि कानूनों पर किसान लंबे समय से केंद्र सरकार का विरोध कर रहे हैं. पिछले दिनों 5 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा ने मुजफ्फरनगर में किसान महापंचायत का आयोजन किया था. किसानों में कथित रोष को बढ़ते देख योगी सरकार ने इसके लिए कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. ऐसा माना जा रहा है कि पराली जलाने से जुड़े केस वापस लेना ऐसी ही एक कवायद है.
बीजेपी लगातार किसानों को साधने की कोशिश में दिख रही है. इसी क्रम में पार्टी 18 सितंबर को लखनऊ में किसान सम्मेलन करेगी. इसके लिए प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र से किसान बुलाने की तैयारी है. ‘किसान कल्याण सम्मेलन’ नाम से आयोजित होने जा रहे इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे.
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