शाहजहांपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद को बड़ी राहत दी है. कोर्ट ने स्वामी चिन्मयानंद को शिष्या से रेप करने के मामले में बरी कर दिया है.
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गुरुवार को कोर्ट ने शिष्या से रेप करने के मामले में 13 साल बाद यह फैसला सुनाया है. साल 2011 में शिष्या ने स्वामी चिन्मयानंद पर रेप करने का आरोप लगाया था.
शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम के प्रमुख स्वामी चिन्मयानंद हैं और इसी मुमुक्षु आश्रम से कई शिक्षा संस्थाओं का संचालन होता है. इन्हीं में से एक संस्थान में प्राचार्य रही उनकी शिष्या ने ही चिन्मयानंद पर यौन शोषण का मामला दर्ज कराया था. शिष्या भी इसी आश्रम परिसर में रहती थी.
आरोप था कि स्वामी चिन्मयानंद ने साल 2011 में पीड़िता को अपने आश्रम में बंधक बनाकर रखा और उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद पीड़िता और उसके परिवार ने शाहजहांपुर के कोतवाली पुलिस थाना में चिन्मयानंद के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307, 313, 342, 323, 376 और 506 के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई.
करीब सात साल पहले स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ शहर कोतवाली में दर्ज यौन शोषण मामले में पुलिस ने 23 अक्टूबर 2012 को आरोप पत्र लगाकर न्यायालय में भेजा था, जिसके बाद 24 मई 2018 को प्रदेश सरकार द्वारा न्यायालय को पत्र भेजकर यौन शोषण का मुकदमा वापस लेने का अनुरोध किया गया था, जिसे न्यायालय ने खारिज कर दिया था. इसके बाद स्वामी चिन्मयानंद इलाहाबाद उच्च न्यायालय चले गए और वहां से शाहजहांपुर की अदालत द्वारा की जा रही कार्रवाई को रोकने का स्थगन आदेश प्राप्त कर लिया.
इसी आदेश के क्रम में चिन्मयानंद की पत्रावली इलाहाबाद उच्च न्यायालय भेज दी गई परंतु उच्च न्यायालय ने यह पत्रावली पुन: शाहजहांपुर की अदालत में भेज दी जिसके बाद ही इनके विरुद्ध गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ था. स्वामी पर इस तरह के और भी आरोप लगे और उनके कालेज में पढ़ने वाली एक विधि की छात्रा ने भी 2019 में उन पर यौन शोषण का आरोप लगाया था, जिस मामले में उनकी गिरफ्तारी हुई थी.
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