अनुज के चेहरे पर अंघेरे में ड्रैगन लाइट मारी और…सुबह 4 बजे एनकाउंटर के आखिरी लम्हों में ये सब हुआ

यूपी तक

23 Sep 2024 (अपडेटेड: 23 Sep 2024, 03:35 PM)

UP News: एसटीएफ को पता चला कि अनुज ने रायबरेली के किसी सर्राफा व्यापारी से संपर्क किया है और वह रात के समय लूट के माल को बेचने के लिए बाइक पर अपने साथी के साथ जाएगा. इसी इनपुट के बाद अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर की कहानी लिखी गई.

Anuj Pratap Singh encounter

Anuj Pratap Singh encounter

follow google news

UP News: सुल्तानपुर लूट कांड के आरोपी और 1 लाख के इनामी अनुज प्रताप सिंह का यूपी एसटीएफ और उन्नाव पुलिस ने मिलकर आज सुबह तड़के 4 बजे उन्नाव में ही एनकाउंटर कर दिया. अब ये एनकाउंटर चर्चाओं में आ गया है. इस लूट में शामिल मंगेश यादव का भी एसटीएफ ने एनकाउंटर कर दिया था. अब अनुज को भी मुठभेड़ में मार दिया गया है. समाजवादी पार्टी द्वारा अनुज प्रताप सिंह के एनकाउंटर को भी फर्जी करार दिया गया है. 

यह भी पढ़ें...

इसी बीच आखिर सुबह 4 बजे उन्नाव में एनकाउंटर के दौरान क्या-क्या हुआ? किस तरह से एसटीएफ और उन्नाव पुलिस की अनुज से मुठभेड़ हुई और कैसे अनुज मारा गया? इसकी पूरी कहानी सामने आ गई है. दरअसल एक ड्रैगन लाइट ने अनुज को फंसवा दिया और वह एसटीएफ की गोली के निशाने पर आ गया. 

ये है अनुज एनकाउंटर की पूरी कहानी

एसटीएफ लगातार अनुज प्रताप सिंह को खोज रही थी. उसके ऊपर 1 लाख रुपये का इनाम भी था. पुलिस के मुखबिर भी उसकी तलाश में लगे हुए थे. तभी पता लगा कि लूट के माल को अनुज ने उन्नाव में ही किसी के यहां छुपा रखा था.

मुखबिर ने एसटीएफ को ये भी बताया कि अनुज ने रायबरेली के किसी सर्राफा व्यापारी से संपर्क किया है और वह रात के समय लूट के माल को बेचने के लिए बाइक पर अपने साथी के साथ जाएगा. ये इनपुट हाथ लगते ही एसटीएफ ने उन्नाव पुलिस को अपने साथ ले लिया और अनुज को घेरने की पूरी योजना बना ली.

एनकाउंटर के आखिरी लम्हें ये थे

बता दें कि मुखबिर को साथ लेकर एसटीएफ की टीम और उन्नाव पुलिस मिली जानकारी के मुताबिक, उन्नाव के अचलगंज के कोलुहागाड़ा के पास पुलिस और एसटीएफ की टीम रात में ही आ पहुंची. इस दौरान चेकिंग अभियान शुरू कर दिया गया. करीब 4 बजे पुलिस की नजर एक बाइक पर गई, जिसपर 2 लोग सवार थे.

पुलिस और एसटीएफ के जवानों ने बाइक को रुकने के लिए कहा. मगर बाइक तेजी के साथ जाने लगी. तभी एसटीएफ की टीम ने ड्रैगन लाइट बाइक सवारों के चेहरे पर डाली. चेहरा देखते ही मुखबिर और पुलिस को पता चल गया कि इस बाइक पर 1 लाख का इनामी अनुज प्रताप सिंह सवार है.

आखिरी वक्त बाइक ने दिया अनुज को धोखा

बता दें कि अनुज और उसके साथी ने फौरन अपनी बाइक को दाएं तरफ मोड़ा और वहां से भागने की कोशिश करने लगा. मगर इस दौरान गीली मिट्टी में उसकी बाइक फंस गई और दोनों बाइक से नीचे गिर गए. तभी अनुज ने अपने साथी से कहा कि फौरन गोलियां चलाओं. ये पुलिस है. इन ….पर फौरन मारो. गोली मारों …. ये पकड़ लेगें तो जिंदा नहीं छोड़ेगे.

ये कहते-कहते अनुज और उसका साथी झाड़ी में छुपकर पुलिस और एसटीएफ पर फायरिंग करने लगे. तभी एक गोली एसटीएफ में शामिल रवि वर्मा को लगी. इसके बाद एसटीएफ ने मोर्चा संभाल लिया और गोलीबारी में अनुज प्रताप सिंह मारा गया. अंधेरे और गोलीबारी का फायदा उठाकर उसका साथी मौके से भागने में कामयाब रहा.

    follow whatsapp